अरुण तिवारी@ RAIPUR.
आरटीई यानी राइट टू एजुकेशन के मामले में सरकार सख्त हो गई है। सरकार के सामने लगातार ये जानकारी आ रही है कि आरटीई के तहत जो बच्चे एडमिशन लेते हैं, वे बाद में स्कूल छोड़ देते हैं। आखिर प्रदेश में ऐसा क्यों हो रहा है, इसको लेकर सरकार गंभीर हो गई है। स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ( Siddharth Komal Singh Pardeshi ) ने सभी जिला कलेक्टरों से आरटीई के तहत ड्राप आउट विद्यार्थियों की जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराने निर्देश जारी किए हैं। कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि जिले के गैर अनुदान प्राप्त सकूल,स्कूलों के प्रबंधक, प्राचार्यों की बैठक 10 दिन के अंदर बुलाकर यह समीक्षा करें कि इनके स्कूल में कितने स्टूडेंट ने आरटीई के तहत एडमिशन लिया था। उनमें से कितने बच्चे पढ़ाई छोड़कर ड्राप आउट हो गए हैं। यह जानकारी पत्र के साथ भेजे गए प्रोफॉर्मा में भरकर भेजी जाए। कलेक्टरों से यह भी कहा गया है कि पिछले 5 सालों में ड्राप आउट हुए बच्चों की जानकारी लेकर समीक्षा करें और ड्राप आउट रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएं।
नए शिक्षा सत्र में वेलकम पार्टी
छत्तीसगढ़ में 18 जून से स्कूल खुलेंगे। इस दौरान सभी स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के गांव-गांव और शहरों में शाला प्रवेश उत्सव का प्रचार-प्रसार और मुनादी कराई जाएगी। बच्चों को शाला प्रवेश उत्सव के दिन वेलकम पार्टी भी दी जाएगी। स्कूल शिक्षा सचिव ने जारी आदेश में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन का मकसद है कि छात्र-छात्राओं को स्वच्छ और सुंदर वातावरण में क्वालिटी एजुकेशन दिया जाए। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शाला प्रवेश उत्सव की शुरुआती तैयारी के साथ-साथ पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
पहले दिन माता- पिता भी आएंगे स्कूल
शाला प्रवेश उत्सव को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि स्कूल खुलने के पहले ही भवनों में साफ-सफाई और मरम्मत करवाएं। इसके साथ ही शाला प्रवेश उत्सव का जोर-शोर से व्यापक प्रसार-प्रसार करें, बैनर-पोस्टर लगाए जाए, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में मुनादी करवाएं। प्रवेश उत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पालकों को भी बुलाया जाए।
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