महिलाओं को फाइनेंशियल स्ट्रॉन्ग बनाने सरकार कर रही बड़ा काम
प्रधानमंत्री आवास योजना की हितग्राही महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए नगर निगम रायपुर ने अनूठी पहल शुरू की है। ऐसी महिलाओं को टेक्सटाइल और स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की हितग्राही महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए नगर निगम रायपुर ने अनूठी पहल शुरू की है। ऐसी महिलाओं को टेक्सटाइल और स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है। अफसरों के मुताबिक रायपुर में ये पहला प्रयोग है। इसमें महिलाओं को ट्रेनिंग के बाद शत-प्रतिशत प्लेसमेंट का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम से जुड़ी अधिकारी डॉ. संगीता ठाकुर ने बताया कि साल 10 जनवरी को पहले बैच की शुरुआत हुई है।
इसमें 30 महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। हर दिन 5 से 6 घंटे ट्रेनिंग दी जा रही है। करीब 90 दिन की ट्रेनिंग चलेगी। प्रत्येक महिला की ट्रेनिंग पर 70 से 80 हजार रुपए खर्च आ रहा है। इस दौरान महिलाओं को शर्ट, टीशर्ट, सूट जैसे कपड़ों की डिजाइनिंग और सिलाई की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बाद टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट दिया जाएगा। पहले बैच का प्रशिक्षण अप्रैल में पूरा जाएगा।
रविग्राम में नया प्रशिक्षण सेंटर
शीघ्र ही 30-30 महिलाओं के दो नए बैच शुरू होंगे। अमलीहडीह के अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्य स्थलों जैसे पुराना मंत्रालय के पीछे, बीएसयूपी कॉलोनी रविग्राम आदि में भी इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी तैयारी चल रही है।
इस प्रशिक्षण में शामिल महिलाओं को फाइनेंशियल लिटरेसी और मोटिवेशनल क्लासेस भी दी जा रही है। महिलाओं को ट्रेनिंग सेंटर में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का माहौल दिया जा रहा है, ताकि जब वे काम के लिए इंडस्ट्री में जाएं तो सहज महसूस कर सकें।
प्रधानमंत्री आवास योजना की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए नगर निगम रायपुर ने क्या पहल शुरू की है?
नगर निगम रायपुर ने प्रधानमंत्री आवास योजना की हितग्राही महिलाओं को टेक्सटाइल और स्किल ट्रेनिंग देने की पहल शुरू की है, जिससे उन्हें प्रशिक्षित कर शत-प्रतिशत प्लेसमेंट देने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रशिक्षण का पहला बैच कब शुरू हुआ और इसमें कितनी महिलाएं शामिल हैं?
प्रशिक्षण का पहला बैच 10 जनवरी को शुरू हुआ, जिसमें 30 महिलाएं शामिल हैं। यह बैच 90 दिन तक चलेगा, और हर महिला को प्रतिदिन 5-6 घंटे की ट्रेनिंग दी जा रही है।