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किसानों की आय बढाने के लिए और बाहरी आवक पर निर्भरता कम करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। अब इसी क्रम में धान को छोड़कर दलहन और तिलहन की खेती के रकबे को बढाने के लिए कृषक उन्नति योजना शुरू की गई है। इस योजना का फायदा किसानों को मिले इसके लिए कोशिश शुरू कर दी गई है।
दलहन की खेती को बढ़ावा देना चाहती है सरकार
कृषि विभाग के अधिकारी लगातार किसानों को धान को छोड़कर दलहन तिलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उम्मीद जा रही इस कोशिश का फायदा किसानों और कृषि विभाग दोनों को होगा। उपसंचालक कृषि राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल खरीफ के सीजन में बस्तर जिले में दलहन की खेती 3974 और तिलहन की खेती 2410 हेक्टेयर में की गई थी। इस साल जो खरीफ का लक्ष्य रखा गया है उसमें दलहन की खेती का रकबा 4064 और तिलहन का रकबा 2650 हेक्टेयर है।
किसानों को इन दोनों फसलों की खेती को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इसके चलते उम्मीद की जा रही है इस सीजन में इन दोनों फसलों की खेती करीब 10 हजार हेक्टेयर में होगी। श्रीवास्तव ने बताया कि जो किसान खरीफ में धान की जगह दलहन, तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी या कपास की खेती करेंगे, उन्हें 11 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी। यह राशि गिरदावरी में सत्यापित रकबे के आधार पर दी जाएगी।
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योजना का लाभ लेने के लिए इनका पालन जरूरी
- किसान पोर्टल और एश्री स्टेट पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य।
- वे किसान जो पिछले साल खरीफ सीजन में धान उगाया हो और सहकारी समिति में बेचा हो।
- इस सीजन में धान को छोड़कर अन्य फसल लेने के लिए पंजीयन कराया हो।
- किसान को गिरदावरी के माध्यम से रकबे की पुष्टि करानी होगी।
कृषक उन्नति योजना की शुरुआत- धान की जगह दलहन-तिलहन की खेती बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने "कृषक उन्नति योजना" शुरू की है। किसानों को मिलेगी आर्थिक सहायता- जो किसान धान की जगह अन्य फसलें उगाएंगे, उन्हें ₹11,000 प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी। पंजीयन जरूरी, आखिरी तारीख 31 अक्टूबर- योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को 31 अक्टूबर तक किसान पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य है। खेती के रकबे में हो रहा इजाफा- बस्तर में दलहन-तिलहन की खेती का लक्ष्य इस साल बढ़ाकर करीब 10,000 हेक्टेयर किया गया है। योजना से लागत में कटौती और आय में बढ़ोतरी की उम्मीद- सरकार का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और बाहरी सप्लाई पर निर्भरता कम करना है। |
31 अक्टूबर तक कराना होगा पंजीयन
किसानों को कृषक उन्नति योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को लिए इसके लिए कृषि विभाग ने 80 आरएइओ और अन्य अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को आगामी 31 अक्टूबर के पहले पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य किया गया है। उपसंचालक ने कहा कि जिले का बड़ा हिस्सा वर्षा आधारित है।
मौसम की अनिश्चितता और लागत बढ़ने से किसान उन्नत बीज, खाद, कीटनाशक, यंत्र और नई तकनीक में निवेश नहीं कर पाते। इसी को देखते हुए सरकार ने यह योजना शुरू की है। योजना का लाभकेवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। ऐसे किसान जो पिछले साल की तरह इस साल भी धान के बदले दलहन तिलहन और लघु धान्य फसलों की खेती करेगे उन्हें 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि मिलेगी। कृषकों से अपील की गई है।
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