स्वास्थ्य विभाग के सप्लायर पर जीएसटी विभाग की छापेमारी, 1 करोड़ की चोरी का खुलासा
राज्य जीएसटी विभाग की जांच में सामने आया कि श्याम सर्जिकल ने 4–5 वर्षों में स्वास्थ्य विभाग को 48 करोड़ रुपये की आपूर्ति दिखाई, जबकि वास्तविक खरीदी मात्र 10 करोड़ की थी।
सरकारी खरीद में पारदर्शिता के लिए राज्य जीएसटी विभाग ने रायगढ़ स्थित मेसर्स श्याम सर्जिकल पर कार्यवाही की है। यह फर्म छत्तीसगढ़ सहित झारखंड और ओडिशा में भी सरकारी अस्पतालों को सर्जिकल और मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करती है।
राज्य जीएसटी विभाग की जांच में सामने आया है कि इस व्यवसायी ने स्वास्थ्य विभाग में 4–5 वर्षों में लगभग 48 करोड़ रुपये की आपूर्ति की, जबकि वास्तविक खरीदी केवल 10 करोड़ रुपये की थी।
5 गुना ज्यादा रेट पर सप्लाई
प्रारंभिक जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि व्यवसायी ने खरीदी मूल्य से 4–5 गुना अधिक दरों पर सामग्री की आपूर्ति कर 400 से 500 प्रतिशत तक लाभ कमाया। इस लाभ को छुपाने और जीएसटी देनदारी से बचने के लिए व्यवसायी ने अपने परिवारजनों के नाम पर तीन अन्य फर्में – राहुल इंटरप्राइजेज, नारायणी हेल्थकेयर, और पी.आर. इंटरप्राइजेस बनाईं तथा आपस में ही खरीदी बिक्री दिखाकर करीब 1 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की।
सप्लायरों को चेतावनी
प्रदेश सरकार ने ऐसे सभी आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों को चेतावनी दी है कि यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग करके अनुचित लाभ अर्जित करने का प्रयास करता है, तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी कंपनियों से बढ़ाया मुनाफा- व्यापारी ने राहुल इंटरप्राइजेज, नारायणी हेल्थकेयर और पी.आर. इंटरप्राइजेस नाम से तीन फर्जी फर्में बनाईं।
राज्य सरकार की सख्त चेतावनी- सरकार ने सभी ठेकेदारों और सप्लायरों को चेतावनी दी है कि सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग कर यदि कोई अनुचित लाभ अर्जित करता है, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किस हद तक हुआ फायदा?- 10 करोड़ की वास्तविक सामग्री को 48 करोड़ में बेचकर कृत्रिम रूप से सप्लाई बढ़ाई गई।
पारदर्शिता के नाम पर बड़ा खेल- यह मामला दर्शाता है कि कैसे सिस्टम का फायदा उठाकर कुछ व्यापारी सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग | छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग की छापेमार कार्रवाई | GST | CG News | cg news update | cg news today