छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का कहर...सकेतवा बांध में दरारें पड़ीं, 25 घर खाली कराए गए

बहुत तेज बारिश के कारण सकेतवा बांध में दरारें पड़ी हैं और मिट्टी भी धंस गई है, जिससे क़रीब 2000 लोगों का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने आसपास के घर खाली कराए हैं और SDRF की टीम ने पूरे क्षेत्र की निगरानी तेज़ कर दी है।

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Kanak Durga Jha
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Heavy rain wreaks havoc Cracks appear Saketwa dam 25 houses evacuated
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छत्तीसगढ़ में बारिश का कहर जारी है। शिवनाथ नदी में बाढ़ का खतरा बढ़ने के बाद बलरामपुर के सकेतवा-बांध में दरारें पड़ गई हैं।  कई जगहों पर मिट्टी धंस गई है। भारी बारिश होने पर बांध टूटने का खतरा बना हुआ है। इससे जमुआटांड, खड़ियामार, बुद्धडीह, डूमरखोरका इन चारों गांव के 2000 लोग प्रभावित हो सकते हैं।


जुलाई में 433 मिलीमीटर बरसा पानी

इस महीने की बात करें तो अब तक 433.4 MM बारिश हो चुकी है। आखिरी 6 दिनों यानी 23 जुलाई से 28 जुलाई तक 133MM बारिश हुई है। पिछले दस सालों में सिर्फ दो बार ही जुलाई माह में बारिश का आंकड़ा 400MM पार हुआ है।

2023 में जुलाई माह में प्रदेश में सबसे ज्यादा 566.8MM पानी बरसा था। इससे पहले 2016 में 463.3MM पानी गिरा था। इस लिहाज से 10 साल में दूसरी बार ही प्रदेश में इतनी बारिश रिकॉर्ड की गई है। रायपुर की बात करें तो प्रदेश में इस महीने अब तक 428.MM पानी बरस चुका है।

25 घरों को खाली करवाया गया

ऐहतियातन बुद्धडीह गांव के 25 से अधिक घरों को खाली कराया गया। ये गांव बांध के सबसे करीब है। SDM आनंद नेताम ने कहा पुलिस और SDRF की टीम ने रविवार रातभर बांध के पानी को निकालने आउटलेट तैयार किया है, लेकिन खतरा टला नहीं है। अभी भी कार्य जारी है, स्थिति पर प्रशासन की टीम नजर बनाए हुए हैं।

जुलाई में उच्च बारिश: रिकॉर्ड तोड़

- इस महीने अब तक 433.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिसमें 23–28 जुलाई (6 दिन) में 133 मिमी बरसात शामिल है।

- पिछले 10 वर्षों में सिर्फ दो बार जुलाई में 400 मिमी पार हुआ है: 2023 में 566.8 मिमी और 2016 में 463.3 मिमी।

बांध पर दीवारों पर दरारें, गांव खाली करवाए गए

- लगातार बारिश से सकेतवा बांध में दबाव बढ़ा, जिससे दरारें पड़ीं।

- प्रशासन और SDRF ने रातभर बाल्टी नहर बनाकर पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू की।

- बुद्धडीह गांव के 25 से अधिक घरों को खाली करवाया गया, क्योंकि ये बांध के सबसे करीब हैं। 

राज्यभर की वर्षा स्थिति: रिकॉर्ड आधारित तुलना

- 1 जून से 27 जुलाई तक कुल औसत वर्षा: 592.2 मिमी; जिसमें बलरामपुर में अधिकतम (928.6 मिमी) और बेमेतरा न्यूनतम (302.8 मिमी) दर्ज हुआ।

बाढ़ की संभावना: प्रभावित गांवों की सूची

- जमीउटांड, खड़ियामार, बुद्धडीह और डूमरखोरका गाँव सकेतवा डैम के नज़दीक हैं। भारी बारिश की स्थिति में यहाँ सबसे अधिक जोखिम बताया गया है।

- SDM आनंद नेताम ने कहा कि खतरा टला नहीं है और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

 

प्रदेश में 599 मिलीमीटर पानी बरसा

छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 603 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है। अब तक बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा 935.4 मिमी पानी बरसा है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 300 मिमी पानी गिरा है।

लंबा रह सकता है मानसून

मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है।

अगर इस साल अपने नियमित समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।

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