CG पुलिस की लापरवाही : 5 साल पुराना केस, 12 अफसर और कोई कार्रवाई नहीं, आईजी ने मांगा स्पष्टीकरण

सिविल लाइन थाने में पदस्थ सभी अफसरों और विवेचकों से स्पष्टीकरण लेकर आईजी कार्यालय में प्रस्तुत करने कहा। अब तक 12 अफसरों में से 6 अधिकारियों ने अपने जवाब प्रस्तुत कर दिए..

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Deeksha Nandini Mehra
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Police Officers Negligence : गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज ( Government Medical College ) में एडमिशन दिलाने के नाम पर 5 साल पहले दो आरोपियों ने 4 लाख रुपए की ठगी की थी। ये मामला सिविल लाइन थाने में पदस्थ सीएसपी, 6 टीआई, 4 एसआई और एएसआई के पास से होकर गुजरा, लेकिन किसी ने भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की।

समीक्षा के बाद जब इन अफसरों की लापरवाही सामने आई, तो आईजी और एसपी ने सभी से स्पष्टीकरण मांगा है। आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने प्रकरण की समीक्षा के बाद 10 बिंदुओं पर अफसरों द्वारा जांच में बरती गई लापरवाही का जिक्र करते हुए 16 अप्रैल को एसपी को पत्र लिखा।

इस पत्र में उन्होंने मामला थाने में दर्ज होने के बाद से लेकर अब तक सिविल लाइन थाने में पदस्थ सभी अफसरों और विवेचकों से स्पष्टीकरण लेकर आईजी कार्यालय में प्रस्तुत करने कहा है। एसपी ने 18 अप्रैल को सभी को पत्र जारी का स्पष्टीकरण मांगा था, जिस पर 6 अधिकारियों ने अपने जवाब प्रस्तुत कर दिए हैं।

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गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगी 

इन बिंदुओं से समझें पुलिस ने किस तरह कहां और कब लापरवाही बरती {प्रकरण 12 मई 2018 को थाने में दर्ज हुआ। इसके बाद सीधे 31 दिसंबर 2021 को जांच कर खानापूर्ति की गई। इसके बाद 2022 में 5 अप्रैल, 15 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर को जांच करना बताया गया।

समीक्षा में यह भी खानापूर्ति मानी गई। वर्ष 2023 में 9 फरवरी, 6 जुलाई, 26 अगस्त को जांच की गई। इसमें भी लापरवाही मिली। इसके बाद 8 माह तक कोई जांच नहीं की गई। जांच अधिकारी ने 8 सितंबर 2019 को संदेहियों की जानकारी, सीडीआर व लोकेशन लेकर नागपुर जाने की अनुमति ली, लेकिन टीम नहीं भेजी गई।

खबर मिली कि आरोपी सौरभ श्रीवास्तव किसी मामले में चित्रकूट यूपी में गिरफ्तार हुआ है। लेकिन यहां की पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। दोनों आरोपियों का सीडीआर प्राप्त किया गया, लेकिन जांच कर उनकी आपराधिक संबद्धता स्थापित नहीं की गई।

न ही कैफे में होने की सूचना पर दबिश दी गई। आरोपियों की पतासाजी के दौरान उनकी चल-अचल संपत्ति की जानकारी नहीं ली गई। 11 दिसंबर 2013 को खाते से रुपए ट्रांसफर करने प्रार्थी के बयान के बाद भी बैंक से दस्तावेज जब्ती और आरोपियों से जुड़ी जानकारी हासिल नहीं की गई।

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इन पर लापरवाही का आरोप

  1. उप पुलिस अधीक्षक बीएस खुंटिया ( सेवानिवृत्त ) 
  2. TI कलीम खान, वर्तमान में अंबिकापुर में पदस्थ
  3. TI परिवेश तिवारी, वर्तमान में बलौदा बाजार में पदस्थ
  4. TI सुरेंद्र स्वर्णकार, वर्तमान में सुकमा में पदस्थ
  5. TI सनीप रात्रे, वर्तमान में वर्तमान में जीपीएम में पदस्थ
  6. TI जय प्रकाश गुप्ता, वर्तमान में निलंबित चल रहे
  7. TI प्रदीप आर्य, वर्तमान में सिविल लाइन थाना प्रभारी
  8. SI फैजुल दोहा शाह, वर्तमान में रायपुर में पदस्थ
  9. SI मोहन भारद्धाज, वर्तमान में रायगढ़ में पदस्थ
  10. SI संजय बरेठ, वर्तमान में कबीरधाम में पदस्थ
  11. SI सुमेंद्र खरे, वर्तमान में राजनांदगांव में पदस्थ
  12. ASI  भरत लाल राठौर, वर्तमान में कोनी थाने में पदस्थ

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Chhattisgarh Fraud Case

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