indian nursing council Affiliated colleges : इंडियन नर्सिंग काउंसिल की मान्यता के बिना चल रहे नर्सिंग कॉलेजों के गोरखधंधे के खिलाफ द सूत्र की मुहिम का असर नजर आने लगा है।
ऐसे कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने सरकार को पत्र लिखकर पूछा है कि उनके भविष्य का क्या होगा। स्टूडेंट्स ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को पत्र लिखा है।
स्टूडेंट्स ने इन कॉलेजों की जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इन कॉलेजों में आईएनसी के मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है।
वहीं, सरकार का कहना है कि छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहे कॉलेजों को छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल की मान्यता है। इसलिए उनका चलना अवैधानिक नहीं है।
मेडिकल एजुकेशन की कमिश्नर किरण कौशल ने कहा कि जिन ईश्यूज को द सूत्र उठा रहा है, वह ये मुद्दे सरकार के सामने रखेंगी।
इस तरह हो रहा खिलवाड़
प्रायवेट नर्सिंग कॉलेज में पढ़ रही अंजलि का कहना है कि मैंने एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में स्थानान्तरण के लिए Indian Nursing Council से अनुमति मांगी थी। तो वहां से यह लिखकर आया है कि अपेक्स नर्सिंग कालेज रायगढ़ Indian Nursing Council की धारा 13 -14 के तहत Suitable नही है। इसलिए मुझे संस्था परिवर्तन के लिए अनुमति नहीं दी गई।
चूंकि मैं इस संस्था में अध्ययनरत हूं और मैंने अपनी कालेज परिवर्तन के लिये आवेदन किया तो मुझे मेरे कालेज के गैरमान्यता प्राप्त होने कि जानकारी मिली। छत्तीसगढ़ में ऐसे कई कालेज होंगे जो आईएनसी से मान्यता प्राप्त नही होंगे। अंजलि का कहना है कि जिस तरह उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है, वैसा छत्तीसगढ़ में किसी अन्य विद्यार्थी का भविष्य खराब न हो।
अंजलि ने किसी जानकार व्यक्ति से पूछा तो उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में कई नर्सिंग कॉलेज शुरू हुए,जो कि केन्द्र शासन के नियमों के विरूद्ध हैं। छत्तीसगढ़ सरकार इनको रोकने में पूरी तरह असफल रही है। इतने छोटे से राज्य में लगभग 150 नर्सिंग कॉलेजों को चलाया जाना संदेह को जन्म देता है।
इन दो नियमों का नहीं हो रहा पालन
भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन के नियमों का यहां के कॉलेज पालन नहीं कर रहे। अंजलि ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को पत्र लिखकर कहा है कि छत्तीसगढ़ के सभी कालेजो की मान्यता की जांच कराई जाए।
छात्र सरकार को शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहते। सरकार को एक और पत्र भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि आपको सूचित किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा जारी राजपत्र दिनांक 05 जुलाई 2021 के प्रावधानों का छत्तीसगढ़ में पालन नही किया जा रहा है।
इसकी वजह से रोजाना नर्सिंग कॉलेज खुलते जा रहे हैं। राजपत्र के भाग 3 खण्ड 4, पृष्ठ क्रमांक 7 में स्पष्ट निर्देश है कि नए नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए दो नर्सिंग कॉलेज की बीच की दूरी 10 किलोमीटर से अधिक होनी चाहिए। साथ ही नर्सिंग संस्थान केवल संस्थागत क्षेत्र में होने चाहिए न की आवासीय क्षेत्र में।
इन दोनों नियमों का छत्तीसगढ़ में लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। नवीन कॉलेजो को मान्यता देते समय यह देखा नही जाता कि उस जगह का टाउन एंड कट्री प्लानिंग में लैंड यूज क्या है और दो कॉलेजो के बीच की दूरी कितनी है।
सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्रों में चल रहे ये कॉलेज, जिन्हें इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्यता नहीं :
सीएम का गृह जिला :
होलीक्रॉस कॉलेज ऑफ नर्सिंग,जशपुर - 90 सीट
लवकुश इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग,जशपुर - 50 सीट
चंपादेवी चौहान कॉलेज ऑफ नर्सिंग जशपुर - 50 सीट
जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र,जशपुर - 40 सीट
गुरुकुल नर्सिंग कॉलेज,जशपुर - 60 सीट
स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला
एके इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग,मनेंद्रगढ़,कोरिया - 145 सीट
केबी पटेल ऑफ नर्सिंग, कोरिया - 100 सीट
न्यू लाइफ ऑफ इंस्टीट्यूट,कोरिया - 60 सीट
राजवाड़े इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कोरिया - 60 सीट
मार्गदर्शन संस्थान कॉलेज ऑफ नर्सिंग कोरिया - 40 सीट
यह तो सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिलों में संचालित कॉलेज हैं, जिनको आईएनसी की मान्यता नहीं है। अगली खबर में हम आपको पूरे प्रदेश में चल रहे ऐसे कॉलेजों की पूरी लिस्ट बताएंगे।