एक दिन में राजस्व के 15 मामलों में फैसला, तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा के खिलाफ होगी जाँच

कलेक्टर संजीव झा पर शरणार्थियों की जमीनों पर जो फैसला हुआ उसका सीधा फायदा तत्कालीन खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के समर्थकों को देने का आरोप है।

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Deeksha Nandini Mehra
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कलेक्टर संजीव झा

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शिव शंकर सारथी @ रायपुर. आईएएस संजीव झा के कथित करप्शन की जाँच होगी। सूचना का अधिकार अधिनियम का जमकर सदुपयोग करने वाले अधिवक्ता और सिपाही ( RTI एक्टिविस्ट ) डी के सोनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर संजीव झा, तत्कालीन कलेक्टर सरगुजा, की शिकायत की थी I राजस्व मामलों में फैसला देने के बाद करप्शन के आरोप पहले भी कुछ कलेक्टर्स पर लगे हैंI आईएएस संजीव झा के बारे में की गई शिकायत इसलिए गंभीर है चूंकि मामला शरणर्थियों की ज़मीन का है। इस आरोप में एक बड़ा फैक्ट यह भी है कि जिन जमीनों पर फैसला हुआ, फैसलों का सीधा - सीधा फायदा तत्कालीन खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के समर्थकों को हुआ I शिकायतकर्ता डी.के.सोनी अधिवक्ता के मुताबिक, उनकी शिकायत के आधार पर केंद्रीय लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अवर सचिव रुपेश कुमार ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को जाँच हेतु आदेशित किया है I 

सिर्फ रिश्वत ही नहीं, फर्जी कागजात बनाये जाने के भी आरोप

केस नंबर एक - कदम मंडल जो कि बांग्लादेश शरणार्थी हैं, वो इन दिनों दिल्ली में रहते हैं I पुनर्वास पट्टा वाली भूमि, रकबा 0.400 हेक्टेयर भूमि राहुल गर्ग एवं अन्य को बेची गईI इस बिक्री नामा में फर्जी प्राधिकार पत्र और फर्जी हस्ताक्षर की शिकायत है I

तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ शिकायत में बड़ा तथ्य 

राजस्व मामलों की कार्यवाही जैसे- विज्ञापन का प्रकाशन, पटवारी, तहसीलदार आदि विभागीय अधिकारीयों के बीच फाइल्स के मूवमेंट की लिखित - अलिखित प्रक्रिया हैI आम धारणा है कि राजस्व  प्रकरणों के फ़ैसले जल्दी नहीं होते हैंI तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा ने अपने कार्यकाल में लगभग दो दर्जन राजस्व के मामलों में अंतिम फैसला दिया हैI 22 मई 2022 को सबसे ज्यादा 15 फ़ैसले एक ही दिन दिए गये I विज्ञापन और फ़ैसले की तारीख में अंतराल एक महीने का भी नहीं हैI शिकायत का यह बड़ा आधार है I 

शिकायतकर्ता के मुताबिक, 22 मई 2022 को लगभग 15 मामलों में फैसला देने के बाद, उन्होंने बतौर कलेक्टर कोरबा ज्वाइन किया था I छत्तीसगढ़ में कोरबा जिले को, "मलाईदार जिला" माना जाता है I कोयला घोटाला में प्रवर्तन निदेशालय और आर्थिक अपराध शाखा की आरोपी आईएएस रानू साहू भी कोरबा कलेक्टर रही हैंI

कोरबा ख़ास क्यों, और खतरा क्या 

DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फण्ड) में रुपया सबसे ज्यादा, कोरबा में ही कलेक्ट होता हैI DMF फण्ड में बड़े पैमाने पर करप्शन की शिकायतें हैं I कोयला परिवहन घोटाला, शराब घोटाला की तरह DMF फण्ड घोटाला में भी जाँच ज़ारी हैI कोरबा में एक कहावत प्रसिद्ध है - कोरबा में आकर बिना कालिख लिए कोई निकला नहीं I

Collector Sanjeev Jha | Investigation | Chhattisgarh News 

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