महादेव सट्टा एप घोटाले की जांच सीबीआई के हवाले, शाह के दौरे से पहले विष्णु सरकार ने आनन-फानन में भेज दिया पत्र

राज्य सरकार ने आनन-फानन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के ठीक पहले महादेव सट्टा मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए चिट्ठी लिख दी। सीएम विष्णुदेव साय चाहते है इस मामले की निष्पक्ष जाँच हो।

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Arun tiwari
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छत्तीसगढ़ की राजनीति में उबाल लाने वाला महादेव सट्टा एप घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी। कुछ दिन पहले गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा था कि महादेव सट्टा एप मामले की जांच सीबीआई को सौंपने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन द सूत्र आपको इससे आगे की खबर बता रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टा मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी है। विष्णु सरकार ने इस मामले की सीबीआई से जाँच कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया है। राज्य सरकार ने आनन फानन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के ठीक पहले महादेव सट्टा मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए चिट्ठी लिख दी। सीएम विष्णुदेव साय चाहते है इस मामले की निष्पक्ष जाँच हो। यही कारण है कि सीएम ने प्रदेश की पुलिस की बजाय सीबीआई से जांच कराने के लिए कार्यवाही की है। 

साय नहीं चाहते वे मुश्किल में आएं 

इस मामले की सीबीआई जांच कराने के पीछे बड़ी राजनीतिक वजह है। महादेव सट्टा एप घोटाला वो मामला है जिसके कारण पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर सीधे सवाल उठे हैं। उनकी भूमिका को संदिग्ध माना गया है। पहले इस मामले की जांच राज्य सरकार स्तर पर ही हो रही थी यानी जांच प्रदेश की पुलिस के हवाले ही थी। लेकिन महादेव ऐप के आरोपी दो पुलिसकर्मियों की क्राइम ब्रांच में पोस्टिंग होना और महादेव एप मामले की आंतरिक जाँच में शामिल होने की बात का खुलासा होने के बाद सीएम ने इस मामले को सीबीआई को देने का फैसला लिया है। द सूत्र ने ही इसका खुलासा किया था। इसके बाद सरकार हरकत में आई और मामला सीधे सीबीआई को सौंप दिया। महादेव सट्टा मामले में आधा दर्जन आईपीएस अफ़सर भी संदेह के घेरे में है। दरअसल सीएम साय नहीं चाहते कि वे किसी भी तरह की मुश्किल में आएं। क्योंकि शंका ये भी है कि भूपेश बघेल पांच साल सीएम रहे हैँ और प्रदेश की पुलिस के अधिकारी उनके प्रभाव में आ सकते हैं। और इसीलिए जांच की निष्पक्षता पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। इसका नुकसान सीएम साय को हो सकता है। अमित शाह के दौरे के ऐन पहले पत्र भेजने के पीछे भी यही कारण था कि यदि अमित शाह ने इस बारे में बात की तो सरकार के पास कोई ठोस जवाब नहीं रहेगा। सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने महादेव सट्टा एप मामले के बारे में सरकार से पूछा भी तो सीएम ने कह दिया कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जा रही है। इस मामले में राज्य सरकार केंद्र को पत्र लिख चुकी है। 

चुनाव से संसद तक में उठा मुद्दा 

ये छत्तीसगढ़ का सबसे हाई प्रोफाइल मामला है जो सीधे तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल पर सवाल खड़े कर रहा है। इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने भाषणों में खूब उठाया है।  इस मामले ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल की साख पर बट्टा लगाया है। अमित शाह ने चुनाव के दौरान कहा था कि भूपेश बघेल ने महादेव तक को नहीं छोड़ा और उनके नाम पर भी घोटाला कर दिया। यहां तक कि ये मामला संसद में भी उठ चुका है। भूपेश बघेल को लोकसभा चुनाव हराकर दोबारा संसद में पहुंचे बीजेपी सांसद संतोष पांडे ने संसद में भी ये मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक सीएम ऐसे रहे हैं जिन्होंने महादेव के नाम पर ही घोटाला कर दिया। यह मामला खूब चर्चा में रहा। 

दो हेड कांस्टेबल पर मेहरबानी का भी द सूत्र ने किया खुलासा 

गृह मंत्री विजय शर्मा ने हाल ही में कहा था कि महादेव सट्टा एप मामले की जांच सीबीआई को सौंपने पर विचार किया जा रहा है। सरकार को डर था कि इस मामले में हीला हवाली की तो अमित शाह की नाराजगी का शिकार होना पड़ सकता है। कुछ दिन पहले द सूत्र ने खुलासा किया था कि किस तरह इस मामले में शामिल दो हेडकांस्टेबल पर सरकार की मेहरबानी हो रही है। पूरा मामला ये है कि महादेव सट्टा एप मामले में ईडी की जांच चल रही है। इस घोटाले के आरोपी एएसआई चंद्रभूषण वर्मा से 22 सितंबर 2023 को ईडी की पूछताछ में दो और सिपाहियों के नाम सामने आए। ये दो सिपाही जिन पर शक की सुई घूमी हैं वे हैं छत्तीसगढ़ पुलिस के हेड कांस्टेबल संदीप दीक्षित और राधाकांत पांडेय। पुरानी सरकार में महादेव सट्टा एप मामले में सस्पेक्टेड होने के बाद भी नई सरकार इन पर मेहरबान रही। या यूं कहें कि ये दो सिपाही सरकार पर भारी पड़ गए। तीन जुलाई को इन दोनों का थाने से क्राइम ब्रांच में तबादला कर दिया गया। रायपुर में बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए 16 जुलाई को गृह मंत्री विजय शर्मा ने मंत्रालय में रायपुर के सभी विधायकों और पुलिस अफसरों की संयुक्त बैठक ली।  मीटिंग में गृह मंत्री के सामने पार्टी विधायक रायपुर आईजी और एसपी पर बिफर पड़े। इन विधायकों ने खुलकर विरोध जताते हुए कहा कि महादेव एप में आरोपी दो सिपाहियों को कैसे क्राईम ब्रांच में पदस्थ किया गया। इन विधायकों की नाराजगी के बाद हेड कांस्टेबल संदीप दीक्षित और राधाकांत पांडेय का तबादला थाने में कर दिया गया।मामले की जानकारी मिली तो बीजेपी विधायक फिर नाराज हो गए। इन विधायकों ने फिर गृह मंत्री से कहा कि ये क्या मजाक है, बोलने के बाद भी सिपाहियों पर पुलिस अफसर क्यों मेहरबान हैं। इन विधायकों की नाराजगी के बाद सरकार ने तीसरा तबादला आदेश जारी किया है। अब इन दोनों सिपाहियों को पुलिस लाइन भेज दिया गया है। 
  

इस तरह हुआ तबादले पर तबादला 

3 जुलाई को एक तबादला आदेश जारी हुआ जिसमें राधाकांत पांडेय को तिल्दा नेवरा थाने से क्राइम ब्रांच भेज दिया गया। वहीं संदीप दीक्षित को गोबरा नवापारा थाने से क्राइम ब्रांच तबादला कर दिया गया। 

18 जुलाई को दूसरा आदेश जारी हुआ जिसमें राधाकांत पांडेय को क्राइम ब्रांच से थाना गोबरा नवापारा भेज दिया गया और संदीप दीक्षित का तबादला क्राइम ब्रांच से थाना खरोरा कर दिया गया।

 विधायकों की नाराजगी के बाद तीसरा आदेश जारी हुआ जिसमें इन दोनों हेड कांस्टेबलों को लाइन अटैच किया गया।

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