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कोविड के दौरान सैनिक स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद छत्तीसगढ़ के एक सुदूरवर्ती गांव का लड़का सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा था। गांव की पगडंडियों से लेकर अपने शहर के मैदानों तक में दौड़ लगाता था। इससे पहले उसके सपने में भी यह नहीं आया था कि उसे एथलीट बनना है।
अच्छी दौड़ की वजह से स्थानीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के दौरान एहसास हुआ कि हम अच्छा धावक बन सकते हैं। इसके बाद एथलीट बनने की तैयारी शुरू कर दी। जी हां, हम बात कर रहे हैं, भारत के सबसे तेज धावक अनिमेष कुजूर की, जिन्होंने 10.18 सेकंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी कर इतिहास रच दिया है। साथ ही भारत के सबसे तेज धावक बन गए हैं।
भारत के सबसे तेज धावक का रिकॉर्ड अपने नाम किया
अनिमेष कुजूर ने ग्रीस में हुई ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट मीट में 10.18 सेकंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी करके इतिहास रच दिया है। 5 जुलाई को हुई इस रेस में वह तीसरे स्थान पर रहे। लेकिन, उन्होंने भारत के सबसे तेज धावक का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उन्होंने गुरइंदरबीर सिंह के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा। अनिमेष कुजूर ने छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव से निकलकर यह मुकाम हासिल किया है।
तीसरे स्थान पर रहे थे अनिमेष
उनका पहले फ़ौज में जाने का सपना था। लेकिन, किस्मत उन्हें रेसिंग ट्रैक पर ले आई। अनिमेष कुजूर अब भारत के सबसे तेज धावक बन गए हैं। उन्होंने 5 जुलाई को ग्रीस के वारी शहर में ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट मीट में यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने 100 मीटर की दौड़ 10.18 सेकंड में पूरी की। इस रेस में वह तीसरे स्थान पर रहे। पहले स्थान पर दक्षिण अफ्रीका के बेंजामिन रिचर्डसन (10.01 सेकंड) और दूसरे स्थान पर ओमान के अली अल बलूशी (10.12 सेकंड) रहे।
छत्तीसगढ़ के छोटे गांव में हुआ जन्म
अनिमेष की उस उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के एक छोटे से गांव घुइतांगर से निकलकर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। इससे देश के साथ-साथ प्रदेश का भी मान बढ़ा है।
फौज भर्ती होने का था सपना
इस उपलब्धि पर अनिमेष कुजूर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं दौड़ को अपना करियर बनाऊंगा। 12वीं के बाद मेरा सपना था कि फ़ौज में भर्ती हो जाऊं। लेकिन जिंदगी ने मुझे बॉर्डर की बजाय रेसिंग ट्रैक पर पहुंचा दिया।
फौज से ट्रैक तक का सफर- अनिमेष कुजूर का सपना फौज में जाना था, लेकिन किस्मत ने उन्हें रेसिंग ट्रैक पर पहुंचा दिया। भारत के सबसे तेज धावक बने- ग्रीस में 10.18 सेकंड में 100 मीटर दौड़ पूरी कर नया रिकॉर्ड बनाया। छत्तीसगढ़ के छोटे गांव से निकले- जशपुर जिले के घुइतांगर गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे। सैनिक स्कूल से मिली नींव- सैनिक स्कूल अंबिकापुर से पढ़ाई करने के बाद मिली अनुशासन की ताकत। पुलिस परिवार से ताल्लुक- मां-पिता दोनों डीएसपी, बेटे की कामयाबी पर गर्वित। |
सीएम के जिले से आते हैं अनिमेष
अनिमेष छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के रहने वाले हैं। इसी जिले से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी हैं। अनिमेष ने सैनिक स्कूल अंबिकापुर से 12वीं तक की पढ़ाई की है।
माता-पिता हैं डीएसपी
अनिमेष के पिता अमृत कुजूर छत्तीसगढ़ पुलिस में डीएसपी हैं। उन्होंने स्थानीय मीडिया से कहा कि बेटे को ट्रैक पर दौड़ता और देश का नाम करता देख बहुत खुशी होती है। अभी शुरुआत है, उसे अभी बहुत तेज़ दौड़ना है। अनिमेष की मां भी छत्तीसगढ़ पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात हैं। cg news today
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