Shankaracharya Avimukteshwarananda : ज्योतिष पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने पर आपत्ति जताई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोमवार को उन्होंने डिटेल में बताया कि गांधी को राष्ट्रपिता कहना क्यों गलत है।
गांधी कैसे हो गए भारत के राष्ट्रपित
दीनदयाल ऑडिटोरियम में मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता नाम की कोई चीज हमारे यहां नहीं है। भारत कब से है, इस बात को कोई नहीं जानता। भारत का जन्म देने वाला कोई नहीं है।
उन्होंने किा जब पाकिस्तान बना तो वहां के कायदे आजम राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना बने, क्योंकि पाकिस्तान नया जन्मा देश था। शंकराचार्य ने कहा कि भारत तो पहले से था। भारत को किसी ने भी जन्म नहीं दिया है। ऐसे में भारत देश में किसी को भी राष्ट्रपिता की पदवी नहीं दी जा सकती।
शंकराचार्य ने कहा कि मोहन दास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता बताने की लोग अफवाह फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे राष्ट्रपिता होंगे, तो उनसे प्रश्न होंगे कि उन्होंने किस देश को जन्म दिया है।
गांधी का जन्म तो खुद भारत में हुआ है, फिर वे भारत के कैसे राष्ट्रपिता हो गए। शंकराचार्य ने कहा कि जब गाय राष्ट्र माता घोषित होगी तो गांधी के राष्ट्रपिता होने का सवाल स्वत: समाप्त हो जाएगा।
गौ हत्या पर रोक के मामले में मोदी ने निराश किया
एक प्रश्न के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी से जितनी बड़ी आशा थी, उतनी ही बड़ी निराशा उनसे मिली है। उन्होंने स्वामी निश्चलानंद के मोदी को गौ-हत्या का एजेंट बताने वाले बयान का भी समर्थन किया।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों अंबिकापुर में पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा था कि गौरक्षा के लिए आए मोदी गौ-हत्या के एजेंट हो गए हैं। इस पर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं की है।
साल 2014 के चुनाव में उन्होंने बड़ी-बड़ी बातें की थीं। अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमने उन्हें वोट दिया था कि अगर यह व्यक्ति आएगा तो गौहत्या बंद करा देगा।