Karma Tihaar 2024 : मांदर की थाप पर थिरके मुख्यमंत्री साय, बोले - हमें अपनी संस्कृति नहीं भूलनी चाहिए

राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में करमा तिहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी शामिल हुए।

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Kanak Durga Jha
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Karma Tihaar CM Sai danced to beats of Mandar
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Chhattisgarhi Festival Karma Tihaar 2024 : छत्तीसगढ़ में धूमधाम से आज करमा तिहार मनाया जा रहा है। इस मौके पर राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में करमा तिहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी शामिल हुए। इस दौरान सीएम साय ने जमकर मांदर बजाया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों की देन है। प्रगति के साथ-साथ आदिवासी संस्कृति का संरक्षण भी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने पारम्परिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, यह बहुत खुशी बात है कि कंवर समाज के युवाओं ने राजधानी रायपुर में करमा तिहार का शुभारंभ किया है। यह एक बहुत अच्छी परंपरा की शुरआत है। सीएम साय करमा तिहार के उल्लास में शामिल होने से खुद को रोक नहीं पाए और मांदर पर थाप देते हुए 'हाय रे सरगुजा नाचे' गीत पर जमकर झूमे। 

अच्छे घर और वर की कामना करती हैं बेटियां 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, आज करमा तिहार मनाया जा रहा है। आदिवासी संस्कृति में कई तरह के करमा तिहार मनाए जाते हैं। आज एकादशी का करमा तिहार है। आज का त्योहार हमारी कुंवारी बेटियों का त्योहार है। इस करमा पर्व को मनाने का उद्देश्य है कि, हमारी बेटियों को अच्छा वर और अच्छा घर मिले।

भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करके बेटियां अच्छे वर और अच्छे घर की कामना करती हैं। इसके बाद दशहरा करमा का त्योहार भी आता है, जिसमें शादी के बाद पहली बार जब बेटी मायके आती है तो वह उपवास रहकर विजयादशमी का पर्व मनाती है। बेटे-बेटियों के लंबे जीवन की कामना के साथ जियुत पुत्रिका करमा मनाया जाता है। यह एक बहुत कठिन व्रत होता है, जिसमें माताएं चौबीस घण्टे बिना अन्न-जल ग्रहण किए इस करमा पर्व को मनाती हैं। 

सीएम साय ने विधिवत की पूजा

इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने विधिवत पूजा-अर्चना की। सीएम साय ने कहा कि - हमारी संस्कृति में कृषि कार्य से भी करमा पर्व जुड़ा है। एक त्योहार बाम्बा करमा भी होता है। बाम्बा एक प्रकार का कीट होता है जो धान के दाने में बीमारी पैदा करता है। इस करमा में नौजवान बेटे उपवास रहते हैं बाम्बा कीड़े को नदी में विसर्जित करते हैं। करमा तिहार प्रकृति से जुड़ा तिहार है। जब बारिश नहीं होती तब पानी कर्मा मनाया जाता है। इस पर्व में करमा पूजा करके बारिश के लिए प्रार्थना की जाती है। सीएम साय ने कहा कि, हर साल राजधानी रायपुर में करमा त्योहार मनाया जाना चाहिए।

हमें अपनी संस्कृति नहीं भूलनी चाहिए 

मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमें आदिवासी संस्कृति को कभी भूलना नहीं है। हमें अपनी संस्कृति को जिंदा रखना है।  ये नृत्य-गीत हमारे समाज को जोड़े रखते हैं। प्रगति के साथ हमें इसे बरकरार रखना है। ये बहुत गर्व का विषय है कि, आज आपका एक आदिवासी बेटा मुख्यमंत्री है। कल ही हमारी सरकार को बने नौ माह पूर्ण हुए हैं। इन नौ महीनों में काफी काम हुआ है। 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल हम दे रहे हैं। दो साल का बकाया बोनस भी हमने दिया है। महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 1 हज़ार रुपये माताओं-बहनों के खाते में दिया जा रहा है।

 

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