New Update
/sootr/media/media_files/2025/07/04/khairagarh-government-school-burnt-documents-without-permission-collector-orders-investigation-the-sootr-2025-07-04-17-14-17.jpg)
00:00
/ 00:00
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ स्थित शासकीय अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक शाला (क्रमांक-1) से एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां स्कूल की सरकारी किताबें, रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों को बिना किसी आधिकारिक अनुमति के जला दिया गया। इस घटना ने स्थानीय लोगों और शिक्षकों के बीच गंभीर चिंता और नाराजगी पैदा कर दी है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि दस्तावेजों को जलाना न केवल सरकारी नियमों का सीधा उल्लंघन है, बल्कि यह एक संभावित साजिश भी हो सकती है, जिससे किसी गड़बड़ी या भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश की जा रही है।
लोगों ने यह भी कहा कि यदि ऐसी घटनाएं बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दी गईं, तो यह भविष्य में सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही को खत्म कर देगा।
घटना की जानकारी फैलते ही स्थानीय नागरिकों और स्कूल से जुड़े शिक्षकों में गहरा रोष उत्पन्न हो गया। लोगों ने सवाल उठाया कि “अगर हर स्कूल में ऐसे दस्तावेज जलाए जाते रहे, तो भविष्य में कोई रिकॉर्ड ही नहीं बचेगा। क्या ये भ्रष्टाचार या लापरवाही छिपाने की चाल है?”
घटना को लेकर स्थानीय नागरिकों ने खैरागढ़ के संयुक्त कलेक्टर सुमन राज के माध्यम से जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
संयुक्त कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बताया “शासकीय दस्तावेजों को जलाने की शिकायत गंभीर है। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को जांच के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
कौन थे दस्तावेज जलाने के जिम्मेदार लोग?
क्या दस्तावेजों को जलाने की अनुमति दी गई थी?
किन दस्तावेजों को जलाया गया और उनका महत्व क्या था?
कहीं ये कार्रवाई किसी गड़बड़ी या वित्तीय अनियमितता को छिपाने के लिए तो नहीं हुई?
इन सभी बिंदुओं पर जिला शिक्षा अधिकारी की टीम जांच करेगी और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद आम जनता का प्रशासन से भरोसा जुड़ा हुआ है। लोग चाहते हैं कि इस घटना में पूरी सच्चाई सामने आए और यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर उचित कार्रवाई की जाए।
स्थानीय निवासी सुधीर वर्मा का कहना है “सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की बजाय रिकॉर्ड जलाना चिंताजनक है। अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसी घटनाएं आम हो जाएंगी।”
यह मामला सिर्फ एक स्कूल की लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की जवाबदेही और पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर शिकायत को कितनी ईमानदारी से जांचता है और क्या दोषियों को सजा दिला पाता है, या मामला अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
खैरागढ़ सरकारी स्कूल | बिना इजाजत जलाए स्कूली दस्तावेज | खैरागढ़ कलेक्टर का निर्देश | Khairagarh News | Khairagarh Collector Suman Raj
thesootr links
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧