Chhattisgarh High Court : नगर निगम चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के इस महापौर की कुर्सी बाल - बाल बच गई। दरअसल, कोरबा नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। कोरबा महापौर पर आरोप था कि जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा था। इस आरोप से उन्हें अब कोर्ट ने आजाद कर दिया है।
महापौर के जाति प्रमाण पत्र पर विवाद
राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। छानबीन समिति द्वारा जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने पर महापौर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोरबा नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद के पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने 21 अगस्त 2024 को रद्द कर दिया था।
प्रसाद ने अधिवक्ता सतीशचन्द्र वर्मा के माध्यम से इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर दस्तावेज प्रस्तुत कर छानबीन समिति की कार्रवाई को गलत बताया गया। कोर्ट के इस फैसले से महापौर की कुर्सी पर फिलहाल खतरा टल गया है।
महापौर ने की थी कोर्ट से अपील
छानबीन समिति ने 21 अगस्त को महापौर प्रसाद का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया था, जिससे उनकी कुर्सी खतरे में आ गई थी। इसके खिलाफ महापौर की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई थी। हाईकोर्ट के जस्टिस पार्थप्रीतम साहू ने इस मामले की सुनवाई की और छानबीन समिति के फैसले पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी।
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