Lakshmi Niwas Mittal की 300 एकड़ जमीन पर नक्सलियों ने गाड़ा झंडा , सजा-ए-मौत का फरमान

नक्सलियों ने जमीन की खरीदी बिक्री में शामिल लोगों को सजा देने का बैनर लगा दिया है। इसमें यह भी कहा है कि यदि अब कोई भी जमीन के मामले में लिप्त पाया जाता है तो उसे जन अदालत लगाकर मौत की सजा दी जाएगी।

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Marut raj
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रायपुर. छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के खात्मे के लिए भले ही 2026 की डेडलाइन तय करने का दावा किया है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे मेल नहीं खा रही है। नक्सली बेखौफ हैं और उद्योगपतियों के नाक में दम किए हुए हैं। ऐसा ही एक मामला विश्व के दिग्गज उद्योगपतियों में शुमार और ब्रिटेन में बस चुके लक्ष्मी निवास मित्तल से जुड़ा है।

मित्तल की छत्तीसगढ़ में 300 एकड़ जमीन पर नक्सलियों ने झंड़ा गाड़ दिया है। यही नहीं उन्होंने झंडे में किसानों के लिए फरमान लिखा है। इसमें किसानों को चेतावनी दी गई है कि यदि किसी ने मित्तल को जमीन का कब्जा दिया तो उसे जन अदालत में सजा ए मौत दी जाएगी।

मित्तल ने क्यों खरीदी छत्तीसगढ़ में जमीन

लक्ष्मी निवास मित्तल की कंपनी है आर्सेलर मित्तल। इसके पास छत्तीसगढ़ में लोह अयस्क की खदान है। इस खदान से पाइप लाइन के जरिए विशाखापट्नम लोह अयस्क भेजा जाता है। सप्लाई के दौरान निकलने वाले वेस्ट मटेरियल के डंपिंग के लिए मित्तल की कंपनी ने दंतेवाड़ा जिले के फूलपाड इलाके में 300 एकड़ जमीन खरीदी थी।

दंतेवाड़ा वही इलाका है, जो नक्सलियों का कोर एरिया माना जाता है। कंपनी का प्लान है कि इस जमीन को वेस्ट मटेरियल के लिए डंपिंग साइट बना दिया जाए। इस डंपिंग साइट का विरोध स्थानीय लोगों ने किया था। इस वजह से डंपिंग साइट शुरू नहीं हो सकी थी।

 कंपनी की परेशानी ये भी है कि जिले में उसे कहीं भी डंपिंग साइट के लिए जमीन नहीं मिल रही है। इसकी वजह नक्सलियों का विरोध बताया जाता है। नक्सलियों के डर से किसान अब कंपनी को जमीन बेचने से बच रहे हैं।

दलालों के चक्कर में हुई गड़बड़ी

दंतेवाड़ा में दलालों के माध्यम से मित्तल की कंपनी ने किसानों से ये जमीन खरीदी थी। जमीन के बदले किसानों को भुगतान भी हो चुका है। रजिस्ट्री भी हो चुकी है। नक्सलियों के दबाव के कारण किसान भी उनकी जमीन जबरिया खरीदने का आरोप लगाने लगे हैं। किसानों का यह भी आरोप है कि फर्जी तरीके से उनकी जमीन खरीदी गई थी। 

नक्सलियों ने सुनाया मौत का फरमान

 कंपनी ने ये 300 एकड़ जमीन 49 किसानों से खरीदी थी, लेकिन इस जमीन पर अब तक कब्जा नहीं कर पाई है।  मित्तल की कंपनी लीगल तरीके से जमीन पर कब्जे और उसके सीमांकन के लिए लेटरबाजी कर रही है, लेकिन नक्सलियों के बीच में आ जाने के कारण मामला पेचीदा हो गया है। 
नक्सलियों ने जमीन की खरीदी बिक्री में शामिल लोगों को सजा देने का बैनर लगा दिया है। इसमें यह भी कहा है कि यदि अब कोई भी जमीन के मामले में लिप्त पाया जाता है तो उसे जन अदालत लगाकर मौत की सजा दी जाएगी। नक्सलियों के इस फरमान के कारण ग्रामीणों में दहशत फैल गई है।  वहीं, द सूत्र ने स्थानीय पुलिस अफसरों से बात की तो उन्होंने कहा कि ये बैनर नक्सलियों ने लगाया है या किसी और ने, इसकी जांच की जा रही है। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। सुरक्षा को लेकर पुलिस सतर्क है। 

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