लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे कहीं सूर्यकांत तिवारी और अनवर ढेबर को टपका तो नहीं देंगे !

thesootr ने अपनी पड़ताल में ये पाया कि लॉरेंस बिश्नोई के शूटर्स यदि, अपने मंसूबों में कामयाब होते, तो विष्णु का सुशासन पर बड़े सवाल खड़े किए जाते,लॉरेंस बिश्नोई के लोगों को पकड़कर पुलिस ने वाकई कमाल का काम किया है। 

author-image
Sandeep Kumar
एडिट
New Update
SANDEEP 2024 Copy of STYLESHEET THESOOTR - 2024-05-31T171857.185.jpg
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

शिव शंकर सारथी@ RAIPUR.  शराब घोटाला ( liquor scam ) और कोयला परिवहन घोटाला के आरोपियों को रायपुर पुलिस ने 30 मई को पेशी के दिन पूरे समय बंदूकधारी पुलिस की सुरक्षा में रखा। बंदूकधारी पुलिस और अन्य पुलिस कर्मियों को इंस्पेक्टर रैंक के अफसर लीड कर रहे थे। दरअसल दोनों ही आरोपियों को सुरक्षा देने की वजह लॉरेंस बिश्नोई गैंग ( Lawrence Vishnoi Gang )  के वो आरोपी हैं, जिन्होंने पुलिस को अपनी गिरप्तारी के बाद कहानियां सुनाई हैं। गैंग के तीन लोग रायपुर से और एक आरोपी को राजस्थान के पाली से पुलिस ने गिरप्त में लिया है। देवेंद्र सिंह, रोहित स्वर्णकार, मुकेश कुमार और पप्पू सिंह। पप्पू सिंह के कंधे तीनों शूटर्स को लीड करने की जिम्मेदारी थी। टार्गेट किलिंग के 24 घंटे पहले रायपुर पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरप्त में लिया, यह पुलिस का दावा है। 

शोएब और अनवर ढेबर के खिलाफ FIR

अनवर ढेबर ( Anwar Dhebar ) ये बिल्डकॉन का डायरेक्ट है, प्रवर्तन निदेशालय और आर्थिक अपराध शाखा की फाइल्स में इस कम्पनी और मेंबर्स के नाम हैं।  जांच एजेंसियों की फाइल्स में नाम, आरोपी की हैसियत से है,शोएब, एक वकील और अन्य के खिलाफ गवाह को धमकाने पीछा करने जैसी कहानियों के साथ गिरप्त में लिया गया है। आर्थिक अपराध शाखा के समंस पर शोएब ढेबर ने शराब घोटाला मामले में अपना बयान दिया है। ढेबर परिवार के अन्य सदस्यों पर भी आरोप है, आरोपियों में जुनैद ढेबर का भी नाम है। मुंबई निवासी इमरान के आवेदन पर कार्रवाई करते हुए पुरानी बस्ती थाना की पुलिस ने अनवर ढेबर और उसके साथियों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है। 

FIR के पीछे पुलिस की रणनीति 

हाल ही में दर्ज एफआईआर से ढेबर परिवार सुरक्षित हुआ है।  प्रवर्तन निदेशालय, आर्थिक अपराध शाखा और अदालत में साये की तरह, शोएब ढेबर मौजूद रहा करता था।  the sootr ने अपनी पड़ताल में ये पाया कि लॉरेंस बिश्नोई के शूटर्स यदि, अपने मंसूबों में कामयाब होते, तो विष्णु का सुशासन पर बड़े सवाल खड़े किए जाते,लारेंस विश्नोई गैंग के लोगों को पकड़कर पुलिस ने वाकई कमाल का काम किया है।  पुलिस की FIR से ढेबर परिवार को टेंशन होगी, ऐसा भी नहीं है, हां बाद के दिनों में महापौर एजाज ढेबर एफआईआर का राजनीतिक फायदा ले सकते हैं। 

सरकार,कांग्रेस, पुलिस और गैंग 

लॉ एंड ऑर्डर का बना रहना, सरकार और पुलिस दोनों के लिए अच्छा है।  पुलिस ने जितनी धाराएं अनवर ढेबर, शोएब ढेबर और साथी आरोपियों पर लगाये हैं, उससे ढेबर परिवार को कोई बड़ा नुकसान नहीं होने वाला है।  एफआईआर और जेल यात्रा, अबकी राजनीति में प्रोफाइल को जरा ऊंचा मुकाम देता है। आने वाले दिनों में महापौर एजाज ढेबर AICC को कह सकते हैं कि मेरे परिवार के लोगों के साथ बदले की राजनीति की गई,और जनता से कहा जाएगा - ढेबर परिवार, संविधान और कानून की इज्जत करता है।

 

लॉरेंस बिश्नोई गैंग Lawrence Vishnoi gang liquor scam महापौर एजाज ढेबर अनवर ढेबर शोएब ढेबर Anwar Dhebar The Sootr शराब घोटाला