छत्तीसगढ़ से इस वक्त बड़ी खबर सामने आई है। हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में अंतरिम राहत के पूर्व आदेश को रद्द कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने अभियुक्तों की दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है। ये याचिकाएं ईडी, और एसीबी-ईओडब्लू के खिलाफ लगाई गई थी।
चीफ जस्टिस आरसी सिन्हा और जस्टिस आर.के. अग्रवाल की बैंच ने शराब घोटाला केस के आरोपी अनिल टुटेजा, विदु गुप्ता, अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास की तरफ से दायर की गई थी।
घोटालेबाजों को लगा बड़ा झटका
हाईकोर्ट के आदेश से घोटालेबाजों को बड़ा झटका लगा है। शराब घोटाला मामले में कोर्ट ने 10 जुलाई को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद कोर्ट ने सभी याचिकाओं को आज यानि मंगलवार को निरस्त कर दिया है।
आरोपियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने पैरवी की थी। जबकि राज्य की तरफ से एडिशनल एडी विवेक शर्मा ने पक्ष रखा था। कुल मिलाकर आधा दर्जन याचिका ईडी के खिलाफ और 7 याचिकाएं ईओडब्लू और एसीबी के खिलाफ लगी थी।
छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में अब तक क्या हुआ
2000 करोड़ रुपए के इस शराब घोटाले में अब तक कई दिग्गजों नेताओं, अधिकारियों और व्यापारियों का नाम सामने आ चुका है। मामले में अब तक ईडी ने महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अनिल कुमार टुटेजा, अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास को गिरफ्तार किया है। वहीं ईडी ने घोटाले में कांग्रेस नेताओं की सहभागिता होने का दावा किया है।
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