Loharidih murder case : कवर्धा जिले के लोहारीडीह कांड की आग थमती दिखाई नहीं दे रही है। इस कांड को कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बना लिया है। पुलिस ने इस मामले में 167 लोगों को आरोपी बनाया है। अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि ये 167 लोग कौन हैं।
द सूत्र पहली बार इन 167 नामों की सूची लेकर आया है। यदि सरकार इस सूची से इनकार करती है तो वो आरोपियों के नाम का खुलासा करे। ये मुद्दा इसलिए भी सुलग रहा है, क्योंकि ये गृहमंत्री विजय शर्मा के क्षेत्र का मामला है। गृहमंत्री के गृह क्षेत्र में इतनी बड़ी घटना होगी तो सवाल तो खड़े होंगे ही। आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है, ये पूरा मसला जिसने छत्तीसगढ़ की सियासत को झुलसा दिया है।
द सूत्र के पास है सूची
सबसे पहले आपको बताते हैं लोहारीडीह कांड के आरोपियों के नाम वाली लिस्ट के बारे में। इस लिस्ट में 167 नाम हैं और 168वें नाम की जगह लिखा है, अन्य लोग। यानी 167 नामजद एफआईआर है और अन्य में कुछ और लोग भी हो सकते हैं।
ये नाम पुलिस ने अभी सार्वजनिक नहीं किए हैं, लेकिन द सूत्र के पास यह सूची है। यदि सरकार या पुलिस इस सूची पर आपत्ति जताते हैं तो वे अपनी तरफ से 167 नामों का खुलासा कर सकते हैं।
यह मामला इसलिए संगीन और संजीदा है क्योंकि यह गृह मंत्री का जिला है। गृहमंत्री विजय शर्मा यहीं से चुनाव जीतकर विधायक बने और फिर डिप्टी सीएम और गृहमंत्री की कुर्सी मिली। कांग्रेस ने इस मुद्दे को जाति का मुद्दा बना लिया है।
बघेल ने कहा कि लोहारीडीह घटना में पुलिस ने 167 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 137 लोग साहू समाज के हैं, जबकि 20 लोग आदिवासी हैं। बघेल ने कहा कि सरकार गिरफ्तार किए गए लोगों का खुलासा नहीं कर रही है। भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार से जो सवाल पूछे हैं उस पर भी कोई जवाब नहीं आ रहा।
बैकफुट पर सरकार
बघेल के इस बयान से राजनीति गरमा गई है। बघेल के जाति का उल्लेख करने से एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। जाति का उल्लेख भी इसलिए किया गया है, क्योंकि साहू समाज ओबीसी वर्ग में आता है और यह समाज छत्तीसगढ़ में प्रभाावी माना जाता है।
लोहारीडीह कांड की आग में घी डालने का काम भी हुआ। पीसीसी चीफ दीपक ने पीएम को पत्र भेजकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जब छत्तीसगढ़ आते हैं, तो खुद को साहू समाज से जोड़ते हैं।
ऐसे में साहू समाज के तीन बेटों की मौत पर उन्हें ठोस कदम उठाना चाहिए और राज्य सरकार को निर्देशित करना चाहिए कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले।
बैज ने कहा कि इस घटना में साहू समाज के तीन व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। इनमें से एक व्यक्ति की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप दिया गया। दूसरा व्यक्ति उसके घर में जलकर मर गया, और तीसरा व्यक्ति पुलिस अभिरक्षा में पुलिस की पिटाई से मारा गया। प्रशांत साहू नामक व्यक्ति की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए थे।
यानी उन्होंने भी साहू समाज पर ही फोकस किया। अब बारी सरकार की थी। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है। लोहारीडीह घटना पर कांग्रेस नेता सिर्फ नेतागिरी करने आए थे।
क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला 15 सितंबर का कवर्धा जिले के लोहारीडीह गांव का है। रविवार को इस गांव से 5 किमी दूर एमपी-सीजी बॉर्डर पर गांव के युवक कचरू साहू का शव फांसी पर लटके मिला। इसकी हत्या की शक को लेकर ग्रामीणों ने गांव के ही रघुनाथ साहू के घर हमला कर दिया। घर को आग के हवाले कर दिया है।
कबीरधाम एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव अपनी टीम के साथ गांव में पहुंचे थे। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में एसपी समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। देर शाम पुलिस की टीम गांव के भीतर आग लगे हुए घर पर पहुंची, जहां पर रघुनाथ साहू का शव जला हुआ मिला।
इस गांव में भूमि विवाद चल रहा था। रघुनाथ साहू के परिवार व ग्रामीणों के बीच काफी दिनों से विवाद चला आ रहा था। अब यह विवाद रौद्र रूप ले लिया। जिस युवक की शव जंगल में मिली है, वह एमपी के बालाघाट जिले में आता है। यह हत्याकांड अब सियासी रुप ले चुका है। हत्याकांड की आग भले ही ठंडी हो रही हो लेकिन सियासत की आग और भड़क गई है।
छत्तीसगढ़ की खबरों के लिए यहां क्लिक करें
मध्य प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करें