अरुण तिवारी @ रायपुर
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पांच सीटों पर पेंच फंस गया है। लोकसभा की 6 सीटों के उम्मीदवारों का एलान तो गया, लेकिन पांच सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर सहमति नहीं बन पाई। हैरानी की बात ये भी है कि खुद पीसीसी चीफ दीपक बैज की सीट अटक गई है। वहीं ओबीसी फैक्टर आ जाने से टीएस सिंहदेव ( TS Singh deo ) के नाम का एलान भी नहीं हो पाया।
इन सीटों पर अटका पेंच
बिलासपुर में OBC फेक्टर
इस सीट पर ओबीसी फैक्टर आ गया है, जिससे उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं हो पाया। पहले दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव के नाम की चर्चा थी। ओबीसी फ़ैक्टर के चलते पैनल में विष्णु यादव का नाम शामिल किया गया। बाद में बैठक के दौरान देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाने की पैरवी भी कुछ नेताओं ने की। यही कारण है कि यहां पर उम्मीदवार का नाम अटक गया।
कांकेर का कांटा
कांकेर में भी कांटा अटका है। पहले यहां के पैनल में बीरेश ठाकुर और नरेश ठाकुर का नाम शामिल था, लेकिन अनिला भेड़िया का नाम तेजी से चला और महिला उम्मीदवार के नाम पर उनको टिकट देने की मांग की गई। वहीं राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम का नाम भी यहां के पैनल में शामिल हो गया। सहमति न बन पाने के कारण यहां का नाम रोक दिया गया।
सरगुजा सहमति के लिए अटका नाम
सरगुजा में भी एक नए नाम की एंट्री हो गई। पहले यहां पर प्रेमसाय सिंह बड़े दावेदार थे। इसके बाद शशि सिंह का नाम पैनल में शामिल हो गया। अब यहां अमरजीत भगत के नाम की पैरवी कुछ नेताओं ने शुरू कर दी। सहमति बनाने के कारण यहां का नाम घोषित नहीं किया गया।
रायगढ़
इस लोकसभा सीट के पैनल में लालजीत राठिया, चक्रधर सिदार और रामनाथ सिदार का नाम था। अब यहां पर महिला नेता की एंट्री ने समीकरण बिगाड़ दिए। मेनका सिंह यहां से दावेदारी कर रही हैं।
बस्तर
बस्तर से पीसीसी चीफ दीपक बैज की उम्मीदवारी को भी चुनौती मिल गई। उनको चुनौती दी कवासी लखमा ने। कवासी लखमा ने अपने बेटे हरीश के लिए टिकट की मांग की है। इसके अलावा लखेश्वर बघेल और मोहन मरकाम के नाम भी पैनल में शामिल है। यही कारण है कि यहां का नाम अटक गया।
आज या कल में दूसरी सूची
कांग्रेस की दूसरी सूची आज या कल में आ सकती है। इस सूची में बाकी पांचों उम्मीदवारों के नाम का एलान हो सकता है। कांग्रेस की पहली सूची में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चली है। अब दूसरी सूची में उनकी कितनी चलती है ये देखने वाली बात है।