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Mahadev Satta App Case CBI Raids : महादेव सट्टा एप घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,विधायक देवेंद्र यादव समेत चार आईपीएस और दो राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के यहां सीबीआई ने छापा मारा है। सीबीआई के एक साथ इतने बड़े और प्रभावशाली लोगों के यहां छापा मारने से पूरा राजनीतिक और प्रशासनिक महकमा हिल गया है। महादेव सट्टा एप मामले की जांच जबसे सीबीआई के हवाले की गई है तब से पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है। सीबीआई की अलग अलग टीमों ने एक साथ देशभर में 60 जगहों पर छापामार कार्रवाई की है। इसमें छत्तीसगढ़ के अलावा भोपाल,कोलकाता और दिल्ली भी शामिल हैं। सबसे पहले आपको बताते हैं कि किस अफसर को कौन कितने पैसे की सप्लाई करता था।
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सीबीआई छापे से नौकरशाही में हड़कंप
सीबीआई के छापे से छत्तीसगढ़ की नौकरशाही में हड़कंप मच गया है। महादेव सट्टा एप घोटाले में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,विधायक देवेंद्र यादव के साथ चार आईपीएस और दो एडिशनल एसपी के ठिकानों पर छापा मारा है। एडवोकेट नरेश गुप्ता ने सबसे पहले इन अफसरों के महादेव सट्टा एप घोटाले से कनेक्शन और पैसे के लेनदेन की लिखित शिकायत की थी। आइए आपको बताते हैं कि इस शिकायत के अनुसार महादेव सट्टा एप चलवाने के ऐवज में कौन अफसर कितने पैसे लेता था और उन पैसों की सप्लाई कौन करता था।
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आईजी आनंद छाबड़ा -
आईपीएस आनंद छाबड़ा तत्कालीन रायपुर आईजी थे और इन पर इंटेलीजेंस का भी जिम्मा था। छाबड़ा को 20 लाख रुपए महीने मिलते थे। यह पैसे एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी पहुंचाते थे।
आईजी आरिफ शेख -
आईपीएस आरिफ शेख तत्कालीन एसएसपी रायपुर थे। आरिफ एसीबी और ईओडब्ल्यू के भी चीफ थे। इनको 10 लाख रुपए महीने मिलते थे। यह पैसे भी एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी पहुंचाते थे।
एसपी अभिषेक पल्लव -
आईपीएस अभिषेक पल्लव तत्कालीन एसपी दुर्ग थे। इनको 10 लाख रुपए महीने दिए जाते थे। इन तक पैसे पहुंचाने का काम कांस्टेबल भीम यादव का था।
डीआईजी प्रशांत अग्रवाल -
आईपीएस प्रशांत अग्रवाल तत्कालीन एसपी दुर्ग थे। इनको 10 लाख रुपए महीने भेजे जाते थे। यशवंत साहू इन पैसों की डिलेवरी करता था।
एडिशनल एसपी संजय ध्रुव -
संजय ध्रुव राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। यह तत्कालीन समय में एसपी दुर्ग के प्रभार में रहे हैं। इनको 20 लाख रुपए महीने मिलते थे। इन तक ये पैसे पहुंचाने का काम कांस्टेबल अमित दुबे के पास था।
एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी -
राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अभिषेक माहेश्वरी को सबसे तगड़ा कमीशन मिलता था। इनके पास तत्कालीन समय में एडिशनल एसपी इंटेलीजेंस और एडिशनल एसपी रायपुर का जिम्मा था। इनके पास 35 लाख रुपए महीना लेते थे। ये पैसा कांस्टेबल संदीप दीक्षित, रोहित उप्पल, राहुल उप्पल और प्रशांत त्रिपाठी पहुंचाते थे।
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हंगामा
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के यहां सीबीआई के छापे से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उनके घर के सामने जमावड़ा लग गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बंगले के अंदर जाने वाले अधिकारियों से भी हुज्जत की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीबीआई के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि यह बीजेपी सरकार की द्वेष पूर्ण कार्रवाई है। यह भूपेश बघेल की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।
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सरकार ने बताया कानूनी कार्यवाही
वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि भूपेश सरकार में खूब घोटाले हुए हैं। महादेव सट्टा एप घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई स्वतंत्र एजेंसी है और निष्पक्ष कार्यवाही करती है। वहीं डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि सीबीआई जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
पुलिस अफसरों के बंगले सील
भिलाई स्थित IPS अभिषेक पल्लव के घर पर CBI पूछताछ कर रही है। पल्लव ड्यूटी के लिए निकलने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही टीम ने दबिश देकर उनको घर में ही रोक लिया। सीबीआई की टीम ने रायपुर स्थित अभिषेक माहेश्वरी के घर भी दबिश दी, लेकिन इस दौरान वहां कोई नहीं था। जिसके बाद टीम ने माहेश्वरी के घर को सील कर दिया है।इसके अलावा रायपुर में हवलदार राधाकांत पांडे और संदीप दीक्षित के यहां भी कार्रवाई जारी है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के ओएसडी रहे मनीष बंछोर के भिलाई-3 स्थित घर में लगा ताला तोड़कर टीम अंदर घुसी है।
यहां जांच चल रही है। मनीष बंछोर अपने परिवार के साथ बाहर घूमने गए हुए हैं। महादेव सट्टा मामले में छत्तीसगढ़ में 70 से ज्यादा मामला दर्ज हैं। इसमें 300 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और 3 हजार से ज्यादा खाते मिले हैं, जिसे ब्लॉक कराया जा रहा है। इन खातों में करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। छत्तीसगढ़ में पहली FIR 31 मार्च 2022 को मोहन नगर थाना में की गई थी। इसमें पहली गिरफ्तारी दुर्ग के आलोक सिंह, खड्ग सिंह और राम प्रवेश साहू की हुई थी। तीनों से पूछताछ और मोबाइल की जांच के दौरान महादेव सट्टा बुक का खुलासा हुआ। उसके बाद सुपेला, फिर जुलाई में रायपुर के तेलीबांधा में केस दर्ज किया गया। इसमें 70 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई।
पुलिस की पड़ताल में खुलासा हुआ था कि भिलाई में जूस सेंटर चलाने वाला सौरभ चंद्राकर महादेव सट्टा का किंग है। वह अपने दोस्त रवि उप्पल, कारोबारी अनिल अग्रवाल के साथ मिलकर दुबई से ऑनलाइन सट्टा चला रहा है। इसमें कई सराफा, सरिया, कपड़ा कारोबारियों का पैसा लगा है।
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