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Impact Feature
छत्तीसगढ़ के लाखों घरों में नई आर्थिक सुरक्षा दिखाई दे रही है। यह बदलाव किसी बड़े उद्योग, किसी नई तकनीक या किसी भारी-भरकम सरकारी परियोजना से नहीं, बल्कि एक ऐसी योजना से आया है, जिसने सीधे महिलाओं के हाथ में स्थायी और नियमित आय का भरोसा दिया है। छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चल रही महतारी वंदन योजना प्रदेश की महिलाओं के लिए उम्मीद और सम्मान की नई कहानी लिख रही है।
मार्च 2024 में शुरू हुई यह योजना आज छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी सामाजिक-आर्थिक पहल बन गई है। महिलाओं को हर महीने सीधे 1 हजार रुपए की सहायता ने इसे मजबूत महिला-सशक्तिकरण मॉडल बना दिया है।
छत्तीसगढ़ की महिलाएं कह रही हैं कि इस योजना ने उनके जीवन की कई मुश्किलें आसान कर दी हैं। घरेलू खर्च की चिंता कम हुई है। अपनी जरूरतें पूरा करने का आत्मविश्वास बढ़ा है और परिवार के भीतर उनकी भूमिका पहले से मजबूत हुई है।
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महिलाओं को स्थायी आय का सहारा
महतारी वंदन योजना का सबसे बड़ा असर यह है कि महिलाओं को हर महीने तय राशि का भरोसा मिला है। इससे उनकी रोजमर्रा की जरूरतें समय पर पूरी होने लगीं हैं। राशन, दवा, बच्चों की पढ़ाई, सिलाई सामान या कोई छोटा व्यक्तिगत खर्च...इन सभी में यह सहायता वास्तविक आधार बन गई है।
कई महिलाएं बताती हैं कि पहले छोटी जरूरतों के लिए भी उन्हें किसी पर निर्भर रहना पड़ता था, अब वे बिना झिझक अपने खर्च खुद संभाल पा रही हैं। यही आत्मनिर्भरता इस योजना को लोगों के बीच और लोकप्रिय बना रही है।
इस तरह बदली तस्वीर
इस योजना की नींव वर्ष 2023 में रखी गई थी। जनवरी 2024 की कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी मिली और 1 मार्च 2024 से योजना लागू कर दी गई। पहली ही किस्त में लाखों महिलाओं के खाते में 1 हजार रुपए की राशि भेजी गई। यह शुरुआत इतनी तेज रही कि योजना तुरंत चर्चा में आ गई। इसके बाद हर महीने लाखों महिलाओं को नियमित DBT मिलता रहा और यह योजना प्रदेश की सबसे बड़े प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम में बदल गई।
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नवंबर 2025 में 21 किस्तें पूरी
नवंबर 2025 में 21वीं किस्त जारी की गई। इस महीने 69 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में कुल 647 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि पहुंची। अब तक कुल 13 हजार 671 करोड़ से अधिक की सहायता भेजी जा चुकी है। हर महीने औसतन 65–70 लाख महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं।
70 साल की वैशाखी को अब उधार नहीं लेना पड़ता
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बलरामपुर जिले के जतरो गांव की 70 वर्षीय वैशाखी कोडाकू इस योजना के असर को सबसे सरल भाषा में समझाती हैं। पहले उन्हें छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी दूसरों से मदद लेनी पड़ती थी। उम्र अधिक होने के कारण काम करना मुश्किल था, जिससे आर्थिक स्थिति कमजोर थी। अब हर महीने मिलने वाले 1 हजार रुपए से उनका जीवन आसान हुआ है। वे अपनी दवा, सब्जी और जरूरी घरेलू खर्च आराम से पूरा कर पा रही हैं। इसके लिए वे सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करती हैं।
माओवाद प्रभावित इलाकों में लाभ
छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना का एक बड़ा पहलू यह है कि इसका लाभ उन्हीं महिलाओं तक सीमित नहीं जो शहरों या सामान्य ग्रामीण इलाकों में रहती हैं। सरकार ने इसे संवेदनशील इलाकों में भी पहुंचाया है।
वर्ष 2025 में पहली बार बस्तर संभाग के माओवादी मुक्त हुए गांवों की 7 हजार 658 महिलाओं को सीधे DBT का लाभ मिला। इसका सीधा अर्थ यह है कि सरकारी योजनाएँ अब उन इलाकों में भी प्रभावी रूप से पहुंच रही हैं, जहां पहले पहुंच मुश्किल थी।
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सामाजिक सम्मान बढ़ा
सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक असर यह है कि महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। कई महिलाएं अब परिवार में निर्णय लेने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। घरेलू जरूरतें पूरी करके वे घर के बजट में सहयोग दे रही हैं, जिससे परिवार में उनकी बात को नए सम्मान के साथ सुना जा रहा है। इस बदलाव को कई समाजशास्त्री इस योजना का सबसे बड़ा योगदान मानते हैं।
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स्वरोजगार की राह
सरकार ने केवल मासिक आर्थिक सहायता तक खुद को सीमित नहीं रखा। महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए महतारी शक्ति ऋण योजना लाई गई है। इसके तहत महिलाओं को 10 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक का आसान ऋण दिया जा रहा है, जिसकी किश्तें 48 महीनों में चुकानी होती हैं।
हजारों महिलाओं ने इस ऋण की मदद से किराना दुकान, सिलाई-कढ़ाई, फूड स्टॉल, पशुपालन जैसे छोटे व्यवसाय शुरू किए हैं। इससे न सिर्फ आय बढ़ी है, बल्कि कई महिलाएं पहली बार किसी व्यवसाय की संचालक बनी हैं।
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