छत्तीसगढ़ में हर महीने बढ़ रही दूध की कीमत; आम जनता परेशान

छत्तीसगढ़ में ढ़दूध की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी ने आम जनता को हैरान किया है। रायपुर में दूध ₹70 से ₹100 प्रति लीटर तक बिक रहा है। अधिकारियों का कहना है उनका इसमें कोई रोल नहीं है।

author-image
Abhilasha Saksena Chakraborty
New Update
Milk price rise in Chhatisgar
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00
Chhatisgarh News: रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में दूध की बढ़ती कीमतें इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। बीते तीन महीनों में दूध की क़ीमत ₹70 से ₹100 प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है। 
डेयरी संचालक और कंपनियां मनमाने तरीके से दूध की कीमत बढ़ा रही हैं और इस पर किसी भी सरकारी विभाग का कोई नियंत्रण नजर नहीं आता।जनवरी से अब तक लगभग हर महीने 10 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है।

हमारा कोई रोल नहीं

खाद्य विभाग और नाप-तौल विभाग दोनों ही जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।अधिकारियों का कहना है कि दूध उत्पादक कंपनियां और डेयरियां अपने प्रोडक्शन कॉस्ट के आधार पर ही मूल्य तय करती हैं। उनका कहना है दूध की कीमत बढ़ने में हमारा कोई रोल नहीं है। 

हर डेयरी की अलग कीमत, कोई स्टैंडर्ड नहीं

शहर की किसी भी दो डेयरियों में दूध की कीमत समान नहीं है। कोई ₹80, कोई ₹90 तो कोई ₹100 प्रति लीटर दूध बेच रहा है। इस तरह लोगों को समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर सही कीमत है क्या? कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकारी गाइडलाइन नहीं हैं। अमूल,  देवभोग और मदर डेयरी ने भी पिछले कुछ महीनों में अपने उत्पादों की कीमतों में 15-20% तक की वृद्धि की है।

गुणवत्ता की नहीं होती जांच

खाद्य एवं औषधि विभाग की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दूध की गुणवत्ता की नियमित जांच नहीं की जाती।
मोबाइल वैन महीनों में एक बार निकलती है, लेकिन वार्ड स्तर पर कोई जांच या जागरूकता अभियान नहीं चलाया जाता।
दूध में दूध में मिलावट जिसमें यूरिया मिलावट या पानी मिलाने की शिकायतें आम हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

कैसे करें घर पर दूध की जांच?

दूध को गर्म करने पर मलाई न बने तो शक करें।
थोड़ा दूध कांच के गिलास में डालकर उसे हिलाएं—अगर गाढ़ापन न हो, तो पानी मिला हो सकता है।
यूरिया जांच के लिए KMnO4 आधारित टेस्ट किट्स बाजार में उपलब्ध हैं।

चारा सस्ता, फिर भी दूध महंगा क्यों?

शहर के चारा विक्रेताओं से बात करने पर पता चला कि पशु आहार की कीमतें स्थिर हैं। इसलिए यह बात समझ नहीं आ रही कि चार सस्ता होने पर भी दूध की कीमतें इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही हैं। 
मक्का चारा: 25–150 रुपए प्रति किलो
गेहूं भूसा: 20 रुपए प्रति किलो
भूसा: 600–800 रुपए प्रति क्विंटल 
हाई क्वालिटी चारा का उपयोग डेयरी संचालक कम ही करते हैं। फिर भी दूध की कीमतें तेजी से बढ़ाई जा रही हैं, जो समझ से परे है।

MRP से ज्यादा वसूली

कंपनियां भी लगातार कीमतें बढ़ा रही हैं। मदर डेयरी ₹67–69, देवभोग ₹57–59, और अमूल ₹57–58 प्रति लीटर बेच रही हैं। पिछले साल की तुलना में ये कीमतें ₹10–15 तक बढ़ चुकी हैं। दुकानदार अक्सर MRP से ₹2–3 ज्यादा वसूलते हैं, यह कहकर कि फ्रिज में दूध रखने से बिजली का खर्च बढ़ता है।

क्या कहना है एक्सपर्ट का

पूर्व जिला खाद्य नियंत्रक आरसी गुलाटी का कहना है- अगर प्रशासन चाहे तो शहर में दूध की कीमत एक जैसी रखी जा सकती है। सभी डेयरी संचालकों, पशुपालकों और जनप्रतिनिधियों की बैठक कर समाधान निकाला जा सकता है।

सभी को बुलाकर बैठक होगी

कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने बताया कि शहरभर के डेयरी संचालकों को बुलाकर एक बैठक की जाएगी ताकि दूध की कीमत एक समान रखी जा सके। साथ ही कंपनियों की कीमतों की भी जांच की जाएगी।

FAQ

1. रायपुर में दूध की कीमत इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही है?
रायपुर में दूध की कीमतें किसी सरकारी नियंत्रण के अभाव में डेयरी संचालक और कंपनियां मनमाने तरीके से बढ़ा रही हैं। पशु आहार की कीमतें स्थिर हैं, फिर भी दाम बढ़ रहे हैं।
2. क्या दूध की गुणवत्ता की जांच होती है?
नहीं, खाद्य विभाग की ओर से नियमित जांच नहीं होती। मोबाइल वैन महीनों में एक बार निकलती है और कोई जागरूकता अभियान नहीं चलता।
3. क्या प्रशासन दूध की कीमतों पर नियंत्रण करेगा?
हां, रायपुर कलेक्टर ने सभी डेयरी संचालकों की बैठक बुलाने की बात कही है, जिससे कीमतें एक समान की जा सकें।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

रायपुर कलेक्टर दूध में मिलावट दूध की कीमत Chhatisgarh news छत्तीसगढ़