आईटी हब के रूप में उभर रहा नवा रायपुर, टेक्नोलॉजी क्रांति से युवाओं को मिलेगा रोजगार
नवा रायपुर तेजी से आईटी हब के रूप में उभर रहा है, जिससे यहां के युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। टेक्नोलॉजी क्रांति के चलते यह क्षेत्र प्रगति के नए रास्ते खोलेगा और रोजगार वृद्धि में योगदान करेगा।
रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में छत्तीसगढ़ अब सिर्फ खनिज और कृषि राज्य नहीं, बल्कि तकनीक और नवाचार का नया केंद्र बनता जा रहा है। सरकार की सबसे अहम और दूरगामी पहल नवा रायपुर को आईटी हब के रूप में विकसित करना है। इसका काम अब जमीन पर दिखाई देने लगा है। साय सरकार की नई आईटी नीति 2024 युवाओं को तकनीकी हुनर, रोजगार और स्टार्टअप के नए अवसरों से जोड़ रही है।
नवा रायपुर के सीबीडी टावर-सी, सेक्टर 21 में हैदराबाद की स्क्वेयर बिजनेस सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड ने अपने दफ्तर की शुरुआत कर दी है। ये कंपनी ऐप और सॉफ्टवेयर बनाने, उन्हें अपग्रेड और मेंटेन करने का काम करेगी। खास बात ये है कि इस कंपनी ने अब तक 1500 युवाओं को नौकरी दी है, जिनमें नक्सल प्रभावित जिलों के युवक-युवतियां भी शामिल हैं।
वहीं, टेली परफॉर्मेंस, सीएसएम टेक्नोलॉजीज और अन्य नामी कंपनियों ने भी निवेश शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में 10 हजार से ज्यादा रोजगार पैदा होने की संभावना है।
नवा रायपुर इसलिए निवेशकों की पसंद?
नवा रायपुर अपनी भौगोलिक स्थिति के साथ सभी सुविधाओं को अपने में समेटे हुए है। एयरपोर्ट से यह महज 15 किलोमीटर की दूरी पर है। बेहतर कनेक्टिविटी और आधुनिक अधोसंरचना है। भूमि सब्सिडी, टैक्स में रियायत और सिंगल विंडो क्लियरेंस इसे निवेशकों के लिए और मुफीद बनाते हैं।
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डेटा सेंटर नीति सबसे अहम
टीसीएस, इंफोसिस, आईबीएम और हैकथन सॉल्यूशन्स जैसी नेशनल और इंटरनेशनल कंपनियां नवा रायपुर को लेकर गंभीरता से विचार कर रही हैं। राज्य सरकार ने भी नवा रायपुर में हाई-कैपेसिटी डेटा सेंटर की स्थापना शुरू कर दी है। यह 24x7 बिजली, फाइबर नेटवर्क और हरित ऊर्जा से संचालित होगा। यहीं से राज्य का ई-गवर्नेंस बैकबोन भी चलेगा। इससे सरकारी सेवाएं और नागरिकों का डेटा सुरक्षित और सुलभ रहेगा।
स्टार्टअप्स को नया मंच
नवा रायपुर के इनोवेशन टावर में कई युवा स्टार्टअप्स शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में नए डिजिटल समाधान तैयार कर रहे हैं। सरकार का स्टार्टअप मिशन उन्हें को-वर्किंग स्पेस, मेंटरशिप और शुरुआती फंडिंग मुहैया करा रहा है। वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं को डिजिटल युग के लिए तैयार करने के लिए स्किल फॉर फ्यूचर कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें पायथन, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी और एआई जैसे कोर्स कराए जा रहे हैं। ट्रेनिंग सेंटर नवा रायपुर और रायपुर में खोले गए हैं।
ई-गवर्नेंस से पारदर्शिता और सुविधा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने प्रदेश के सभी विभागों में ई-ऑफिस और ई-फाइलिंग प्रणाली लागू कर दी है। 150 से ज्यादा सेवाएं ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के जरिए ऑनलाइन मिल रही हैं। बायोमेट्रिक वर्कफ्लो, डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन टैक्स सुविधा से सरकारी सेवाएं पहले से ज्यादा पारदर्शी और तेज़ हो गई हैं। अब नवा रायपुर की बात करें तो इसे स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर, आईओटी आधारित ट्रैफिक और कचरा प्रबंधन और पब्लिक वाई-फाई जोन जैसे कदम उठाए गए हैं। स्थानीय आईटी इंजीनियर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
टिकाऊ आईटी हब की दिशा में कदम
प्राधिकरण द्वारा 2 लाख 80 हजार वर्गफुट बिल्ट-अप स्पेस तैयार किया गया है, जिसमें आईटी कंपनियों को फर्निश्ड ऑफिस दिया जा रहा है। पहले चरण में स्क्वेयर बिजनेस सर्विसेस और रेडिकल माइंड्स टेक्नोलॉजीज ने 90 हजार वर्गफुट के लिए आवेदन किया है, जिससे 2200 रोजगार के अवसर बनेंगे। आने वाले दिनों में और कंपनियां 1.6 लाख वर्गफुट स्पेस के लिए आवेदन करने वाली हैं, जिससे 3800 और रोजगार बनेंगे।
युवाओं की बदली सोच
नक्सल प्रभावित धमतरी की मनोरमा साहू अब नवा रायपुर में आईटी कंपनी में काम कर रही हैं। उनका कहना है कि पहले लगता था कि आईटी का मतलब सिर्फ बैंगलोर या हैदराबाद है। अब छत्तीसगढ़ में रहकर भी हम करियर बना सकते हैं। छत्तीसगढ़ में सभी आईटी भवनों को ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेट, सौर ऊर्जा से बिजली, प्लास्टिक फ्री ऑफिस नीति, और कार्बन फुटप्रिंट मॉनिटरिंग जैसी पर्यावरण हितैषी योजनाएं लागू की जा रही हैं।
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