tribal woman bus operator chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित एरिया में पुरुष ऑपरेटर- ड्राइवर बसें चलाने को तैयार नहीं थे। प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने बसें चलाने से साफ मना कर दिया था।
इसके बाद गांव की महिलाएं आगे आईं। उन्होंने बस चलाने का साहस दिखाया। महिलाओं की पहल देखते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने महिलाओं को 2 बसों की चाबियां सौंपी।
अब आदिवासी महिलाएं दंतेवाड़ा जिले में सिटी बस चलाएंगी। छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित इलाकों के 5 रूटों पर आदिवासी महिलाएं बसों की स्टेयरिंग थामेंगी।
गांव की महिला समूह को मिली बस
दंतेवाड़ा के गोंगपाल और इंद्रावती नदी के उस पार बसे चेरपाल गांव बेहद संवेदनशील हैं।नक्सलियों की यहां अक्सर मौजूदगी रहती है। यात्री वाहनों को नक्सली नुकसान पहुंचाते हैं। नक्सली आतंक के चलते प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने इन इलाकों में बस चलाने से इनकार कर दिया था।
ऐसे में आदिवासी महिलाओं ने बसें चलाने का जिम्मा उठाया है। गोंगपाल और चेरपाल गांव की महिलाओं को एक-एक बस दी गई है।
नवरात्रि के दिन मां दंतेश्वरी की पूजा करने के बाद सीएम विष्णुदेव साय ने 2 अलग-अलग गांवों की महिला स्व-सहायता समूहों को 2 बसें दी हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही 3 और बसें भी दी जाएंगी। यह पहली बार होगा, जब बस्तर में कोई महिला समूह बस चलाएगा।
सात नक्सली मारे गए
छत्तीसगढ़ में पुलिस फोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ 7 नक्सली मारे गए हैं। दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले के बॉर्डर पर पुलिस ने नक्सलियों को घेर लिया था। इसमें फोर्स ने 7 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता पाई है। पुलिस बल ने मौके से ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए हैं।
ज्ञात हो कि एक दिन पहले नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले से जवानों को नक्सल ऑपरेशन पर भेजा गया है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों पुलिस फोर्स ने सुकुमा जिले में भी नक्सलियों को घेर लिया था।
हालांकि, इसमें पुलिस को बड़ी सफलता हासिल नहीं हुई थी,लेकिन नक्सलियों पर नकेल कसने में पुलिस कामयाब रही थी। यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बड़ी संख्या में नक्सली पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए हैं।