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छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा क्षेत्र में 9 जून 2025 को नक्सलियों ने सुनियोजित और कायरतापूर्ण हमला किया। यह हमला राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 30 पर कोंटा से मात्र 2 किलोमीटर दूर डोंड्रा गांव के पास प्रेशर IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के जरिए अंजाम दिया गया। यह घटना नक्सलियों के भारत बंद के आह्वान से ठीक एक दिन पहले हुई, जिससे उनकी साजिश की गंभीरता और सुनियोजित रणनीति का पता चलता है।
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ऐसे रची गई थी साजिश
नक्सलियों ने 8 जून 2025 की रात कोंटा से लगभग 5 किलोमीटर दूर डोंड्रा गांव के जंगल में स्थित चिकवार गुड़ा खदान में एक ठेकेदार की पोकलेन मशीन को आग के हवाले कर दिया। इस आगजनी की सूचना मिलने पर 9 जून की सुबह ASP आकाश राव गिरपुंजे अपनी टीम के साथ घटनास्थल की जांच के लिए रवाना हुए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों को पहले से अंदाजा था कि आगजनी की घटना की जांच के लिए पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचेंगे। इसलिए, उन्होंने रणनीतिक रूप से कोंटा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा गांव के पास प्रेशर IED बिछा रखा था।
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ASP और जवान पैदल ही जंगल में घुसे
ASP आकाश राव, SDOP भानुप्रताप चंद्राकर, TI सोनल ग्वाला और अन्य पुलिसकर्मियों ने अपनी गाड़ी NH 30 पर खड़ी की और पैदल ही जंगल की ओर बढ़े। वे घटनास्थल से लगभग 100 मीटर की दूरी पर थे, तभी सुबह 9-10 बजे के बीच एक जोरदार विस्फोट हुआ। यह विस्फोट नक्सलियों द्वारा पहले से बिछाए गए प्रेशर IED के कारण हुआ, जिसमें ASP आकाश राव गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हमले में SDOP भानुप्रताप, TI सोनल ग्वाला और अन्य जवान भी जख्मी हुए।
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घायल जवानों की हालात स्थिर
घायलों को तत्काल कोंटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां ASP आकाश राव की हालत नाजुक होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। अन्य घायल जवानों और अधिकारियों को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रायपुर के निजी अस्पतालों में एयरलिफ्ट किया गया। बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि घायलों की स्थिति अब स्थिर है, और उनका इलाज रायपुर में चल रहा है।
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नक्सलियों की साजिश और रणनीति
यह हमला नक्सलियों की सुनियोजित साजिश का हिस्सा था। X पर कुछ पोस्ट्स के अनुसार, नक्सलियों ने पहले पोकलेन मशीन में आग लगाकर पुलिस को लुभाने की रणनीति अपनाई, ताकि वे जांच के लिए मौके पर पहुंचें। इसके बाद, उन्होंने पैदल रास्ते में प्रेशर IED बिछाकर पुलिस दल को निशाना बनाया। यह रणनीति नक्सलियों के पुराने पैटर्न को दर्शाती है, जैसा कि 25 साल पहले नारायणपुर में हुए एक हमले में देखा गया था, जहां नक्सलियों ने समान तरीके से बारूदी सुरंग का इस्तेमाल कर 24 जवानों को शहीद कर दिया था।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए ASP आकाश राव को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, "मैं एएसपी आकाश राव गिरपुंजे की शहादत को नमन करता हूँ। यह अत्यंत पीड़ादायक क्षण है। घायल जवानों और अधिकारियों के उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि नक्सलियों की बौखलाहट के कारण ऐसी कायराना हरकतें सामने आ रही हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बल नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शहादत राज्य के लिए अपूरणीय क्षति
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जो गृह विभाग भी संभालते हैं, ने कहा, "ASP आकाश राव एक साहसी और निष्ठावान अधिकारी थे, जिन्हें कई वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनकी शहादत राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। नक्सलियों के इस कायराना कृत्य का माकूल जवाब दिया जाएगा।" शर्मा ने यह भी बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। BJP प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने भी शहीद ASP को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, "उनकी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।"
ASP आकाश राव गिरपुंजे का परिचय
ASP आकाश राव गिरपुंजे 2013 बैच के छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी थे। उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़कर PSC परीक्षा पास की थी और अपनी कर्तव्यनिष्ठा और साहस के लिए कई वीरता पुरस्कार प्राप्त किए थे। उनकी शहादत ने पुलिस विभाग और पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ा दी है।
नक्सलवाद की चुनौती
यह हमला उस समय हुआ जब नक्सलियों ने 10 जून 2025 को भारत बंद का आह्वान किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों की यह हरकत सुरक्षा बलों की हालिया सफलताओं से बौखलाहट का नतीजा हो सकती है। 2025 में अब तक सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ में 100 से अधिक नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया है, जिसमें बीजापुर और नारायणपुर में हुए बड़े ऑपरेशनों में 27-31 नक्सलियों के मारे जाने की खबरें शामिल हैं।
सीधे मुठभेड़ से बच रहे नक्सली
नक्सलियों की यह रणनीति दर्शाती है कि वे अब सीधे मुठभेड़ से बच रहे हैं और IED जैसे कायराना तरीकों का सहारा ले रहे हैं। बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन और तेज कर दिए गए हैं, और इस तरह की घटनाओं का जवाब देने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार हैं।
नक्सलवाद की गंभीर चुनौती उजागर
ASP आकाश राव गिरपुंजे की शहादत और इस हमले ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की गंभीर चुनौती को उजागर किया है। यह घटना न केवल पुलिस बल के लिए एक बड़ा नुकसान है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि नक्सली अपनी हार की बौखलाहट में निर्दोष जवानों और अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद को समाप्त करने का संकल्प दोहराया है, और इस दिशा में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। ASP आकाश राव की शहादत को पूरा देश नमन करता है, और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता है।
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