छत्तीसगढ़ में एनआईए ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, जांच में एनआईए की टीम को कुछ अहम सबूत मिले है। जिससे नक्सलियों के काले कारनामे का खुलासा हुआ है। जांच के बाद एनआईए की टीम ने बताया कि, नेता लखमा नक्सली है।
नक्सली है नेता लखमा
इस मामले में एनआईए की जांच के दौरान कुछ सीपीआई (माओवादी) समर्थकों/ओजीडब्ल्यू के नाम सामने आए थे। उन पर सीपीआई (माओवादी) के अग्रणी संगठन, माड़ बचाओ मंच के सदस्य होने का संदेह है, एनआईए का मानना है कि, वारदात को अंजाम देने में सीपीआई (माओवादी) की सहायता की थी। जिसके बाद एनआईए यह खुलासा किया है कि ओरछा में माड़ बचाओ मंच का नेता लखमा राम उर्फ लखमा कोर्रम इस मामले में आरोपपत्र माओवादी है।
जांच में ओरछा में लम्बे समय से धरने पर बैठे माड़ बचाओ मंच के नेता लखमा कोर्राम के माओवादी होने का आरोप लगाया गया है। एनआईए की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया। जिसमें यह बताया कि, मार्च 2023 में हुए सड़क पर नाकाबंदी मामले में कार्रवाई की गई। इस दौरान सीपीआई (माओवादी) कैडरों और समर्थकों की तलाश में नारायणपुर जिले में कई स्थानों पर तलाशी ली गई।
एनआईए की ताबड़तोड़ कार्रवाई
नक्सलियों के खिलाफ एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) लगातार कार्रवाई कर रही है। बता दें कि एनआईए विधानसभा चुनाव दौरान हुए आईईडी हमले में भी जांच कर रही है। इसके साथ ही एनआईए भाजपा नेताओं के कत्ल की भी जांच कर रही है। नक्सलियों के द्वारा अभी तक 9 बीजेपी नेताओं की हत्या की है।
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