रायपुर. केंद्र सरकार के उपक्रम NMDC पर 1600 करोड़ से अधिक के जुर्माने पर कंपनी ने अपना जवाब दिया है। कंपनी का कहना है कि दंतेवाड़ा कलेक्टर ने बिना सोचे- समझे ही जुर्माना लगा दिया है। कलेक्टर द्वारा जुर्माना लगाया जाना पूरी तरह से गलत है। कंपनी ने कलेक्टर की ओर से जारी किए गए नोटस का भी जवाब दिया है।
रॉयल्टी का एडवांस भुगतान करने के बाद जारी कर रहे परमिट
कंपनी की ओर से बताया गया है कि एनएमडीसी द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को ऑनलाइन पोर्टल और अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान करने के बाद ही ई परमिट नंबर जनरेट किए जाते हैं।
इसमें भी ग्रेडवार भुगतान का ध्यान रखा जाता है। कंपनी का कहना है कि रॉयल्टी का एडवांस भुगतान कर रही है। ऐसे में यह आरोप गलत है कि रेलवे ट्रांजिट पास के बिना ही लौह अयस्क का परिवहन किया गया।
राज्य सरकार की ओर से हर छह महीने में रिकॉर्ड का सत्यापन किया जाता है और पिछली ऑडिट में इस प्रकार की कोई आपत्ति नहीं उठाई गई थी कि बीआईओएम किरंदुल कॉम्प्लेक्स की ओर से ट्रांजित पास में गड़बड़ी की जा रही है।
कंपनी का कहना है कि तकनीकि रूप से लौह अयस्क ग्रेड को अंतिम रूप देने में समय लगता है। इससे रेलवे ट्रांजिट पास के निर्माण में 2-3 दिन की देरी होती है, लेकिन इससे छत्तीसगढ़ सरकार के खजाने को कोई नुकसान नहीं होता है।
क्या है मामला
दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने एनएमडीसी पर 16 अरब 20 करोड़ 49 लाख 52 हजार 482 रुपए की पेनाल्टी लगाई है। कलेक्टर ने कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही एनएमडीसी के प्रबंधन को नोटिस थमाया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व नोटिस में एनएमडीसी की तरफ से दिया गया जवाब संतोष जनक नहीं है।
कलेक्टर ने थमाया नोटिस
नोटिस में लिखा है कि बड़े बचेली तहसील के किरंदुल में डिपॉजिट नंबर 14 एमएल रकबा 322.368 हेक्टेयर, डिपॉजिट नंबर 14 एनएमजेड रकबा 506.742 हेक्टेयर और डिपॉजिट नंबर 11 रकबा 874.924 हेक्टेयर क्षेत्र में मुख्य खनिज लौह अयस्क का खनिजपट्टा स्वीकृत है। इसमें अनियमित्ता है। इसके लिए NMDC को पहले 12/08/2024 को कारण बताओ नोटिस दिया था।
इसका जवाब संतोष जनक नहीं मिला है। इसके तहत खनिज के बाजार मूल्य एवं रॉयल्टी 16 अरब 20 करोड़ 49 लाख 52 हजार 482 रुपए आरोपित की जा रही है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के अनुसार NMDC से इस राशि को 15 दिन के अंदर जमा करने कहा गया है। कलेक्टर के इसी नोटिस का जवाब NMDC ने दिया है।