रेलवे यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब स्पेशल ट्रेन के नाम पर रेलवे एकस्ट्रा किराया नहीं वसूलेगा। इसे लेकर हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया है। हाई कोर्ट के आदेशनुसार अब अब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली पैसेंजर, लोकल और मेमू ट्रेनों में स्पेशल के नाम पर एकस्ट्रा किराया नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही बिलासपुर हाई कोर्ट ने कोरोना कॉल के बाद ट्रेनों के अव्यवस्थित परिचालन पर भी फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में इस मुद्दे की सुनवाई हुई।
ट्रेनों का बिगड़ा परिचालन
पिछले कुछ सालों से ट्रेनों का परिचालन अव्यवस्थित हो गया है। इसका खामियाजा उन पैसेंजरों को भुगतना पड़ता है, जो कम दूरी में सफर तय करते है। बता दें कि, पिछली सुनवाई में रेलवे की तरफ से एडवोकेट रमाकांत मिश्रा ने जानकारी दी थी कि सभी पैसेंजर ट्रेनों को लोकल ट्रेन के रूप में चलाने का आदेश हो चुका है।
इस पर याचिकार्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि अभी भी पैसेंजर, मेमू लोकल ट्रेनों के सामने नंबर बतौर जीरो लगाकर स्पेशल के रूप में चलाई जा रही है। इसके साथ ही किराया ज्यादा वसूला जा रहा है। इस पर डिवीजन बेंच ने डीआरएम को शपथ पत्र पेश कर स्थिति स्पष्ट करने कहा था।
9 महीने से बंद है कोरबा मेमू लोकल ट्रेन
बता दें कि, पिछले 9 महीने से रेलवे ने कोरबा मेमू लोकल ट्रेन को रद्द किया है। इसे लेकर हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि - रायपुर-गेवरा रोड- रायपुर के मध्य चलने वाली 08745 और 08746 मेमू लोकल का परिचालन फिर से शुरू किया जाए। इसके साथ ही हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका को निराकृत कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस बात की छूट दी है कि भविष्य में कोई जन समस्या हो तो दोबारा याचिका दायर कर सकते हैं।
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