बिलासपुर में सरकारी जमीन को बेचे जाने का बड़ा मामला सामने आया है। यह जमीन शहर के बीचोंबीच यानी प्राइम लोकेशन पर थी। मामले का खुलासा होने पर जमीन की रजिस्ट्री शून्य घोषित करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करने वाले 2 रजिस्ट्रार पर भी केस दर्ज कराए जाने की बात सामने आई है।
जानकारी के अनुसार बिलासपुर सिविल लाइन क्षेत्र के चांटापारा में भूपेंद्र राव तामस्कर पुत्र स्वर्गीय कृष्ण राव तामस्कर रहते हैं। इन्होंने शहर के बीच कुदुदंड में 2 एकड़ 13 डिसमिल नजूल की जमीन को लीज पर लिया था। इसकी लीज साल 2015 में खत्म हो गई। इस पर इन्होंने 30 साल यानी मार्च 2045 तक लीज को बढ़वा लिया।
खास बात यह कि आवासीय उपयोग के लिए नजूल की जमीन को लीज पर दी गई थी। भूपेंद्र राव ने नगर निगम की अनुमति के बगैर और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से ले-आउट पास कराए बिना ही जमीन पर 54 प्लॉट काट कर अलग-अलग लोगों को बेच दिया। यही नहीं पंजीयन दफ्तर के 2 डिप्टी रजिस्ट्रार ने भी सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कर दी थी ।
कलेक्टर ने दिए FIR कराने के निर्देश
नजूल की करोड़ों की जमीन बेचने का मामला खुलने पर कलेक्टर अवनीश शरण ने जांच कराई। जांच के बाद लीज धारक भूपेंद्र राव तामस्कर और बिल्डर राजेश अग्रवाल पर केस दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कलेक्टर पंजीयन विभाग को पत्र लिखकर उक्त जमीन का पंजीयन करने वाले तत्कालीन पंजीयक व उप पंजीयक की जानकारी लेकर लक्ष्मी पांडेय और वीएस मिंज के निलंबन की अनुशंसा की है। मंगलवार को नजूल तहसीलदार शिल्पा भगत ने सिविल लाइन थाने में कलेक्टर के निर्देश पर तामस्कर और अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज कराया।
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