Medical students pg course guide line chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के स्नातकोत्तर स्टूडेंट्स ( PG ) पाठ्यक्रम अवधि के दौरान निजी प्रेक्टिस, सेवा अथवा नौकरी नहीं कर पाएंगे। चिकित्सा शिक्षा रायपुर की ओर से छत्तीसगढ़ स्नातकोत्तर चिकित्सा प्रवेश नियम एवं विवरणिका 2021 अनुसार इसको प्रतिबंधित किया गया है।
स्टूडेंट्स को शपथ पत्र देना होगा
इस आदेश के अंतर्गत सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं और प्राचार्य दंत चिकित्सा महाविद्यालय को निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं इस नियम का कड़ाई से पालन करें। सभी छात्र-छात्राओं से इस संबंध में एक शपथ पत्र प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह शपथ पत्र इस बात का आश्वासन देगा कि वे अपनी पाठ्यक्रम अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की अनाधिकृत निजी प्रेक्टिस, सेवा अथवा नौकरी नहीं करेंगे।
छोलाछाप डॉक्टर ले रहे जान
छत्तीसगढ़ सरकार एक तरफ तो एमबीबीएस डॉक्टरों की पीजी करने पर प्राइवेट प्रेक्टिस पर रोक लगा रही है तो दूसरी ओर छोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान ले रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों भिलाई जिले में सामने आया था। झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से युवक की मौत हो गई थी। डॉक्टर के इंजेक्शन लगाते ही युवक की जान चली गई थी।
भिलाई थाना क्षेत्र में जितेंद्र पांडेय (उम्र - 23 साल) ट्रक ड्राइवर था। युवक के पिता प्रकाश शिवालिक इंजीनियरिंग में काम करते हैं। जितेंद्र घर का इकलौता बेटा था। युवक की बहन निधि के अनुसार जितेंद्र दो दिन पहले ट्रक लेकर रायपुर गया था। तबीयत खराब होने पर उसे घर बुला लिया गया।
घर आने पर जितेंद्र ने एनर्जी ड्रिंक पीया। इसके बाद वह सो गया। इसके बाद जब हालत नहीं सुधरी तो घरवालों ने मोहल्ले के डॉक्टर सत्येंद्र शर्मा को बुलाया गया। इस दौरान झोलाछाप डॉक्टर सत्येंद्र ने जितेंद्र को देखा और बोला कि उसे गर्मी हो गई है। युवक को 101 डिग्री बुखार था। छोलाछाप डॉक्टर ने 3 इंजेक्शन लगाए और ठीक नहीं होने पर बोतल चढ़ाने की बात कही। इस दौरान जितेंद्र बाथरूम गया और फिर वहीं बेहोश हो गया। इसके बाद परिजन जितेंद्र को लेकर सुपेला अस्पताल पहुंचे, वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।