बर्खास्त B.Ed शिक्षकों के मामले में कमेटी गठित, CS करेंगे अध्यक्षता
छत्तीसगढ़ में नौकरी से बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों का आंदोलन जारी है। अब मामले को लेकर सरकार ने एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी का गठन किया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है।
B.Ed सहायक शिक्षकों का आंदोलन। Photograph: (the sootr)
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RAIPUR. छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने B.Ed सहायक शिक्षकों को नौकरी से हटाए जाने के मामले में गंभीरता दिखाते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने मामले में एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई है, जिसमें 5 महत्वपूर्ण अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह कदम तब उठाया गया है जब 19 दिसंबर से नवा रायपुर के तूता क्षेत्र में बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगा फैसला
सहायक शिक्षकों के तमाम मुद्दों को लेकर सरकार ने अंतविभागीय समिति का बनाई है। जिसमें प्रमुख सचिव विधि विभाग, सचिव वित्त विभाग, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग और सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को सदस्य बनाया गया है। इस समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव अमिताभ जैन करेंगे। कमेटी के गठन का आदेश शुक्रवार को जारी किया गया है।
उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी का गठन। Photograph: (the sootr)
शासन को रिपोर्ट सौपेंगी कमेटी
यह समिति B.Ed प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदनों पर परीक्षण कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। जिसके मुताबिक उनकी नियुक्ति के आगे के रास्ते पर विचार किया जा सकेगा। कमेटी का मुख्य उद्देश्य सहायक शिक्षकों के समायोजन (placement) और उनके लिए अन्य संभावनाओं (opportunities) पर विचार करना है।
B.Ed सहायक शिक्षकों का आंदोलन
छत्तीसगढ़ के B.Ed सहायक शिक्षकों का आंदोलन पिछले एक महीने से अधिक समय से जारी है। 14 दिसंबर को इन शिक्षकों ने अंबिकापुर से रायपुर तक एक पैदल अनुनय यात्रा की शुरुआत की थी, जो 19 दिसंबर को धरने में बदल गई। शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्याएं और पीड़ा बताने के लिए पत्र भेजे और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन की राह अपनाई। धरने की गंभीरता को देखते हुए, धरना स्थल पर 22 दिसंबर को ब्लड डोनेशन कैंप (blood donation camp) भी लगाया गया, जहां शिक्षकों ने रक्तदान कर यह सरकार को यह संदेश दिया कि वे समाज और देश की भलाई के लिए समर्पित हैं। शिक्षकों के अनुसार वे अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष कर रहे हैं।
शिक्षकों ने किया था बीजेपी कार्यालय का घेराव
बता दें कि बर्खास्त सहायक शिक्षकों ने 1 जनवरी को बीजेपी कार्यालय का घेराव कर दिया था। इससे पहले आंदोलनकार कर रहे शिक्षकों ने 26 दिसंबर को सामूहिक मुंडन कराया था। अपनी मांगों की तरफ सरकार का शिक्षकों ने ध्यान खींचने के लिए महिला टीचर्स ने भी अपने बाल कटवाए थे। उन्होंने कहा कि यह उनके भविष्य की पीड़ा और न्याय की आवाज है।