अरुण तिवारी@ RAIPUR.
रायपुर का मास्टर प्लान बदलेगा। मास्टर प्लान में बड़े फर्जीवाड़े के बाद तय हो गया है कि इसमें एक तिहाई बदलाव किया जाएगा। ( Raipur master plan changes ) अफसरों की टीम ने दबाव में आकर नियमों के खिलाफ जमीन का लैंडयूज चेंज कर दिया है। इसकी जांच राज्यस्तरीय समिति कर रही है। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही यह बदलाव किया जाएगा। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने कहा है कि बदलाव के पहले दावा- आपत्ति भी मंगाई जाएगी। लेकिन दावा-आपत्ति केवल उन्हीं मामलों में मंगाई जाएगी, जिसमें गड़बड़ियां सामने आई हैं। जांच समिति के सदस्यों ने मंत्री से मुलाकात कर यह बता दिया कि प्लान में बदलाव जरूरी है, क्योंकि इसमें कई इलाके की जमीन का लैंड यूज चेंज नियमों के खिलाफ किया गया है। ( Raipur master plan )
दोषियों पर कार्रवाई होगी
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान को लेकर विधानसभा में भी कई बार शिकायत आई थी। जांच में यह साबित हो गया कि प्लान में गड़बड़ियां हुई हैं। इसलिए इसे ठीक करना भी जरूरी है। जिसने भी गलत काम किया है उस पर कार्रवाई की तैयारी है। जांच समिति ही तय करेगी कि इसके लिए दोषी अफसर कौन है। आचार संहिता खत्म होने के बाद इस पर तेजी से काम किया जाएगा। साल खत्म होने के पहले मास्टर प्लान को ठीक कर लिया जाएगा। यह प्लान 2031 तक के लिए तैयार किया गया है। इसलिए हर गड़बड़ी को ठीक करना जरूरी है। ताकि भविष्य में जो योजनाएं बने या काम हो वे बेहद कारगर हो।
मास्टर प्लान में कई गड़बड़ियां
कमेटी की प्रारंमिक जांच में नए मास्टर प्लान में कई तरह की गड़बड़ी सामने आई है। इसमें कहीं जलाशय की जगह को आवासीय घोषित कर दिया गया है तो कहीं आवासीय क्षेत्र को जलाशय क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है। इसके अलावा कई जमीनों को आवासीय की जगह में तो कहीं कृषि भूमि को मिश्रित एवं व्यवसायिक क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। रायपुर शहर के 2031 के मास्टर प्लान से पहले दो बार ही प्लान लागू किया गया था। राज्य बनने के बाद पहला मास्टर प्लान 2000 में लाया गया था, जो 2001 से 2011 तक के लिए लागू था। फिर 2011 से 2021 तक लाया गया, लेकिन 2011 में जारी मास्टर प्लान विवादों के चलते पहले जारी किए गए। प्लान में कई संशोधन के बाद इसे 2011 में फिर से जारी किया गया था। 2021 के बाद 2031 तक के लिए तीसरा प्लान बनाया गया।
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