राम वन गमन पथ के नाम पर सरकार ने खर्च किए 81 करोड़, अधूरे काम कर दो एजेसिंयों ने कमा लिए 71 करोड़

छत्तीसगढ़ में वनवास के दौरान जहां-जहां राम के चरण पड़े वो राम वन गमन पथ कहलाता है। इसमें पड़ने वाले ऐसे दस स्थानों को चिन्हित किया गया जहां से श्रीराम गुजरे थे। इन स्थानों के विकास पर ही सिर्फ पैसा खर्च किया गया, लेकिन पांच साल में काम नहीं हो पाया...

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Arun tiwari
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छत्तीसगढ़ में वनवास के दौरान भगवान राम ने लंबा वक्त बिताया है। छत्तीसगढ़ में ही राम का ननिहाल भी है। राम के नाम का यह दोहरा पुण्य छत्तीसगढ़ के हिस्से में आया है। वनवास के दौरान जहां-जहां राम के चरण पड़े वो राम वन गमन पथ कहलाता है। सरकार ने राम वन गमन पथ पर 81 करोड़ खर्च किए। ऐसे दस स्थानों को चिन्हित किया गया जहां से श्रीराम गुजरे थे। इन स्थानों के विकास पर ही यह पैसा खर्च किया गया, लेकिन पिछले पांच साल में राम का काम आधा अधूरा ही हो पाया। राम के वनवास के नाम पर दो एजेंसियां मालामाल हो गईं। राम के नाम पर इन एजेंसियों ने 71 करोड़ रुपए कमा लिए।

विष्णु गए अयोध्या तो खुल गईं फाइलें

हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव देव साय अपनी पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन करने पहुंचे। इस दौरान मंदिर में जयकारा भी लगा कि छत्तीसगढ़ के भांजा राम, जय श्री राम। यानी राम छत्तीसगढ़ के भांजे हैं। सीएम राम के लिए शबरी के बेर और कोसा वस्त्र के साथ कई पकवान भी ले गए। सरकार के इस काम के बाद राम का नाम फिर चर्चा में आ गया। छत्तीसगढ़ में श्रीराम वन गमन पथ का काम चल रहा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक और राजेश मूणत ने इस काम पर सवाल उठाए तो सरकार ने इसकी फाइलें खोल दीं। पिछली सरकार ने राम वनगमन पथ के विकास के लिए 81 करोड़ खर्च किए, लेकिन काम तो आधा अधूरा ही हुआ। राम के इस काम के नाम पर दो एजेंसियों ने 71 करोड़ रुपए कमा लिए। पूर्व पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल कहते हैं कि अभी आधा काम ही हुआ है।

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इस एजेंसी को इतना भुगतान

  • टीसीआईएल- 35.31 करोड़
  • वॉप्कोस- 36.82 करोड़
  • वन मंडल अधिकारी, बलौदा बाजार- 2.5 करोड़
  • वन मंडल अधिकारी, सरगुजा- 4 करोड़

टीसीआईएल के ये काम अधूरे...

चंद्रखुरी : चंद्रखुरी भगवान राम का ननिहाल है। यह राम की माता कौशिल्या का मायका है। यहां पर इस एजेंसी द्वारा किए जाने वाले कई काम अधूरे पड़े हैं। अधूरे कामों में एलईडी ब्रांडिग, कियोस्क, पर्यटन सूचना केंद्र, कैफेटेरिया, स्टेज, पार्किंग स्थल डेवलपमेंट, एप्रोज रोड, बाउंड्री वॉल, रिटेनिंग वॉल, मॉड्यूलर शॉप, टॉयलेट, यज्ञशाला और ओवरहेड टैंक समेत कई काम अधूरे हैं।

शिबरीनारायण : यहां पर भगवान राम को शिबरी ने जूठे बेर खिलाए थे। यहां पर मुख्य प्रवेश द्वार, छोटा प्रवेश द्वार, सीसीटीवी कैमरा, दीप स्तंभ, एलईडी ब्रांडिंग, भगवान राम की मूर्ति, घाट विकास और बाउंड्री वॉल जैसे काम पूरे नहीं हुए।

सिहावा : यज्ञशाला, सप्तरिषी प्लेटफॉर्म, ओवरहेड वॉटर टैंक, कॉटेज निर्माण, दीप स्तंभ, सीसीटीवी, इलेक्ट्रीफिकेशन।

वॉप्कोस के ये काम अधूरे...

राजिम : लोमश रिषी आश्रम, लैंडस्केपिंग, पर्यटन सूचना केंद्र, घाट वॉकवे डेपलवमेंट, एलईडी ब्रांडिंग, इलेक्ट्रीफिकेशन, पार्किंग, इंटरनल प्लंबिंग।

अधिकारियों के जिम्मे आए ये अधूरे काम...

बलाौदाबाजार वनमंडल अधिकारी : तरतुरिया में प्रवेश द्वार, गार्डन प्रवेश द्वार, पब्लिक एप्रोच रोड, आश्रम कॉम्प्लेक्स अपग्रेडेशन।

कलेक्टर, जगदलपुर : दलपत सागर, तीरथगढ़ और चित्रकोट का विकास।

विष्णु करेंगे रामपथ का विकास

अब विष्णु सरकार राम वन गमन पथ का विकास करेंगे। सरकार जहां-जहां राम के चरण पड़े हैं उन सभी स्थानों के विकास का खाका खींच रही है। इसके लिए अलग से फंड भी रखा है। इसके साथ सरकार ने इन एजेंसियों को भी नोटिस जारी किया है जिन्होंने समय सीमा में काम पूरा नहीं किए। सरकार ने उनकी दस फीसदी राशि भी रोक ली है।

राम वन गमन पथ छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव देव साय छत्तीसगढ़ न्यूज