कोरबा में 480 अतिथि शिक्षकों की भर्ती, शिक्षा के साथ रोजगार की नई उम्मीद

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने एक नई पहल शुरू की है। डीएमएफ के तहत 480 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। इसका उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करना और युवाओं को रोजगार देना है।

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Krishna Kumar Sikander
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Recruitment of 480 guest teachers in Korba the sootr
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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय पहल शुरू हुई है। जिला प्रशासन ने खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) के तहत 480 अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, जिससे न केवल स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद मिल रही है, बल्कि स्थानीय बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खुल रहे हैं। यह पहल शिक्षा के स्तर को सुधारने के साथ-साथ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा को मिला नया आधार

कोरबा जिले के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों, विशेष रूप से पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पचरा और कोरबी जैसे इलाकों में, यह भर्ती अभियान शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। पचरा के शासकीय हाई स्कूल, जो क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों के लिए शिक्षा का प्रमुख केंद्र है।

अब सभी विषयों में नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। इस स्कूल में पहले शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों को अधूरी पढ़ाई का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति ने इस समस्या को काफी हद तक हल कर दिया है।

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रोजगार के अवसरों ने जगाई नई उम्मीद

इस भर्ती प्रक्रिया का सबसे बड़ा लाभ स्थानीय बेरोजगार युवाओं को मिला है। कोरबा जैसे औद्योगिक जिले में, जहां रोजगार के अवसर सीमित हैं, यह पहल युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका साबित हो रही है। मानदेय आधारित अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति ने न केवल बेरोजगार शिक्षित युवाओं को रोजगार प्रदान किया है, बल्कि उन्हें अपने कौशल को प्रदर्शित करने और समाज में योगदान देने का अवसर भी दिया है। खास तौर पर, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के लिए यह एक ऐसी पहल है, जो उन्हें अपने ही क्षेत्र में सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध करा रही है। 

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पचरा हाई स्कूल में बदला माहौल

कोरबा शहर से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित पचरा के शासकीय हाई स्कूल में अब पढ़ाई का माहौल पूरी तरह बदल गया है। स्कूल में कक्षा 9वीं में 48 और कक्षा 10वीं में 25 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। पहले गणित, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध थे, लेकिन हिंदी, सामाजिक विज्ञान और अन्य विषयों में शिक्षकों की कमी थी।

अब अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के बाद सभी विषयों की पढ़ाई नियमित रूप से हो रही है। इसका नतीजा यह है कि स्कूल में कोई भी कालखंड खाली नहीं जाता, और विद्यार्थियों को हर विषय में विशेषज्ञ शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। 

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अभिभावकों और विद्यार्थियों में उत्साह

इस पहल ने न केवल विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि उनके अभिभावकों में भी नई उम्मीद जगाई है। पहले शिक्षकों की कमी के कारण माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते थे, लेकिन अब नियमित पढ़ाई और बेहतर शैक्षणिक माहौल ने उनकी चिंताओं को कम किया है। विद्यार्थी अब पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं और भविष्य के लिए बेहतर अवसरों की उम्मीद कर रहे हैं। 

जिला प्रशासन की सराहनीय पहल

जिला प्रशासन और खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) की इस पहल की क्षेत्र में व्यापक सराहना हो रही है। यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में कारगर साबित हो रहा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का एक मजबूत उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहा है। कोरबा जैसे जिले, जहां खनन और उद्योग प्रमुख हैं, वहां डीएमएफ फंड का उपयोग शिक्षा और रोजगार के लिए करना एक दूरदर्शी कदम है। 

शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नई शुरुआत

इस भर्ती अभियान ने कोरबा जिले में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की है। जिला प्रशासन से अपेक्षा है कि भविष्य में भी ऐसी योजनाएं चलाई जाएंगी, जो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर करें और साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार के और अवसर प्रदान करें। यह पहल न केवल कोरबा के लिए, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक मॉडल बन सकती है, जहां शिक्षा और रोजगार को एक साथ बढ़ावा दिया जा सकता है।

FAQ

कोरबा जिले में अतिथि शिक्षकों की भर्ती क्यों की जा रही है?
कोरबा जिले में 480 अतिथि शिक्षकों की भर्ती खनिज न्यास निधि (DMF) के तहत की जा रही है ताकि स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सके और स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।
चरा हाई स्कूल में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से क्या बदलाव आए हैं?
पचरा हाई स्कूल में अब सभी विषयों की पढ़ाई नियमित रूप से हो रही है। पहले कुछ विषयों के शिक्षक नहीं थे, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती थी। अब हर कालखंड में कक्षा लगती है और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।
इस पहल का ग्रामीण युवाओं और अभिभावकों पर क्या प्रभाव पड़ा है?
ग्रामीण युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिला है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। अभिभावकों में भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर उत्साह और संतोष देखने को मिला है, क्योंकि अब स्कूलों में नियमित और अच्छी शिक्षा मिल रही है।

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