फिर नहीं मिली सौम्या चौरसिया को जमानत, कोर्ट ने खारिज की याचिका

छत्तीसगढ़ स्पेशल कोर्ट में जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि सौम्या की चार साल की बेटी है। देखभाल नहीं होने से उसकी तबीयत खराब रहती है। कोर्ट में बच्ची के मेडिकल रिपोर्ट को भी पेश की गई, लेकिन फायदा नहीं हुआ...

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Arun tiwari
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RAIPUR. एक बार फिर पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उपसचिव रहीं सौम्या चौरसिया को जमानत नहीं मिली। छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले मामले में जेल में बंद सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। गुरुवार को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में सौम्या की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों के बीच बहस हुई। कोर्ट में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने सौम्या चौरसिया की बेटी की बीमारी का भी हवाला दिया गया। वकील ने बताया कि सौम्या की चार साल की बेटी है। देखभाल नहीं होने से उसकी तबीयत खराब रहती है। कोर्ट में बच्ची के मेडिकल रिपोर्ट को भी पेश की गई।

कोर्ट ने किसी भी दलील को नहीं माना

सौम्या के वकील ने कोर्ट में ईओडब्ल्यू के रिमांड पत्र का हवाला देते हुए कहा कि, पिछली रिमांड डेट के दौरान ईओडब्ल्यू ने खुद अपने पत्र में अभियुक्त को न्यायिक रिमांड में रखने की आवश्यकता नहीं बताई है। बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी है कि, ईडी के ईसीआईआर और ईओडब्ल्यू की एफआईआर में कहीं भी पद के दुरुपयोग का सबूत नहीं मिला है इसलिए सौम्या चौरसिया को जमानत मिलनी चाहिए। लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को नहीं माना और सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। 

भूपेश ने गिरफ्तारी को तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई बताया था

बीजेपी के प्रदेश महामंत्री रामू जगदीश रोहरा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका करने पर कहा कि, बार-बार जमानत याचिका खारिज होना यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की पर्याय है। अपने शासनकाल में कांग्रेस ने हर स्तर पर घपले-घोटाले कर छत्तीसगढ़ को लूटने-खसोटने में जरा भी शर्म महसूस नहीं की। सौम्या चौरसिया जब गिरफ्तार हुई थी तब तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उस गिरफ्तारी को तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई बताया था और अपनी सरकार के खिलाफ इसे साजिश बताया था। 

उपसचिव का भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री को पता न हो, कैसे संभवः बीजेपी

रायपुर की विशेष अदालत ने कहा है कि इस मामले में सौम्या की प्रथमदृष्टया संलिप्तता लग रही है, तो भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते हुए इतनी बड़ी बात कही थी कि तानाशाही हो रही है, गलत हो रहा है। ऐसा कैसे संभव है कि किसी मुख्यमंत्री की उपसचिव इतना बड़ा भ्रष्टाचार कर रही हो और मुख्यमंत्री को पता न हो, उनकी खुद की संलिप्तता न हो। तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल की जानकारी के अभाव में यह हो रहा हो, यह तो संभव हो ही नहीं सकता। बघेल अब इस विषय पर क्यों नहीं बोलते हैं।