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छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी मामले को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। मानव तस्करी और धर्मांतरण मामले में ननों को लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट से झटका लगा है। सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अब मामला बिलासपुर स्थित NIA कोर्ट में सुना जाएगा। लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट के जज अनीश दुबे (FTSC) ने बताया कि मानव तस्करी का मामला होने के कारण यह प्रकरण हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं आता।
इस मामले में सुनवाई का अधिकार केवल NIA कोर्ट को है। अब पीड़िता के वकील राजकुमार तिवारी ने बिलासपुर स्थित NIA कोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल दोनों ननों को जेल में ही रहना होगा।
जानिए पूरा मामला
बता दें कि 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए दो ननों और एक युवक को रोका था। आरोप था कि तीनों, नारायणपुर जिले की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जा रहे हैं।
कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर नारेबाजी करते हुए सभी को GRP के हवाले कर दिया था। GRP थाना भिलाई-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी में मामले की जांच के बाद धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर तीनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था।
वृंदा करात ने नन की गिरफ्तारी को ‘असंवैधानिक' बतायामार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता वृंदा करात ने मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में केरलवासी दो नन की गिरफ्तारी को लेकर बुधवार को छत्तीसगढ़ सरकार की आलोचना की और इसे ‘‘असंवैधानिक'' तथा ‘‘अवैध'' बताया।
राजकीय रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि बजरंग दल के एक पदाधिकारी की शिकायत पर नन प्रीति मेरी और वंदना फ्रांसिस तथा सुकमन मंडावी नामक एक व्यक्ति को 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था।
अदालत ने बेल याचिका नकार दी: लोक अदालत ने ननों की अग्रिम जमानत खारिज कर दी, अब मामला सेशन कोर्ट भेजा गया है।
केरल चर्चों की निंदा: मलंकारा ऑर्थोडॉक्स, मार थोमा और CSI सहित चर्चों ने राज्य सरकार पर कानून का दुरुपयोग कर धार्मिक स्वतंत्रता को क्षति पहुँचाने का आरोप लगाया। |
बजरंग दल ने लगाए थे आरोप
बजरंग दल के पदाधिकारी ने उन पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्मांतरण और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया था। वहीं करात ने जेल के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने जो कुछ भी सुना और देखा, उससे हम बेहद व्यथित हैं। एक मनगढ़ंत मामले के आधार पर दो नन को गिरफ्तार किया गया है। वर्षों से गरीबों के बीच काम कर रही ये दोनों नन भाजपा और छत्तीसगढ़ सरकार के एक संकीर्ण एजेंडे के तहत जेल भेज दी गईं।''
FAQ
छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी का मामला क्या है | छत्तीसगढ़ धर्मांतरण | गाजियाबाद धर्मांतरण केस | ननों की जमानत याचिका | एनआईए | एनआईए की कार्रवाई
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