/sootr/media/media_files/2025/08/31/singhasan-chhatisi-31-august-2025-journalist-arun-tiwari-2025-08-31-12-27-31.jpg)
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार है लेकिन सीएम की सरलता का फायदा अफसर उठा रहे हैं। साहब लोग कहते हैं कि यह उनकी सरकार है। उनके सामने संगठन भी लाचार नजर आता है। साहब के सामने संघ और संगठन की न चलने जैसी बातें होने लगी हैं। वहीं एक आईएएस का बैच ऐसा है जिसका नौकरशाही में जलवा चल रहा है।
खबर एक और है कि मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ मंत्री घबराए हुए हैं। आखिर मंत्रियों का ब्लडप्रेशर क्यों बढ़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों की ऐसी ही अनसुनी खबरों के लिए पढ़िए द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी।
सीएम का दरबार - संगठन लाचार
सीएम की सरलता का फायदा उनके सिपहसालार खूब उठा रहे हैं। सिपहसालार से मतलब है उनसे जुड़े आईएएस,आईपीएस अफसर। ये साहब अपने आपको ही सरकार समझने लगे हैं। इनकी नजर में संघ हो या बीजेपी संगठन, इनकी कोई वैल्यु यानी पूछ परख नहीं है। साहब ने बाकायदा जिला कलेक्टरों और सचिवों को ताक़ीद करना शुरू कर दिया कि संघ और संगठन के किसी भी सुझाव या निर्देश पर कान देने की जरूरत नहीं है।
केवल मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशों का पालन किया जाए। बीजेपी सरकार में संघ की बातों पर ध्यान न देने की नसीहत बहुत अजीब सी लगती है। अफसरों ने इस नई केमिस्ट्री का फॉर्मूला समझने के लिए उनसे मुलाकातें शुरू की हैं तो आजकल साहब बड़े रौब से यह कहते पाए जा रहे हैं कि वह संघ और संगठन कुछ नहीं समझते हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, साहब ये बताना भी नहीं भूलते कि वो सिर्फ नंबर वन और नंबर टू (पीएम मोदी और एचएम अमित शाह) को रिपोर्ट करते हैं और उन्हीं के निर्देशों का पालन करते हैं। अब देखते हैं कि संघ और संगठन के पास इनका इलाज है या नहीं।
आईएएस 2005 बैच का जलवाछत्तीसगढ़ में 2005 बैच के आईएएस का जलवा है। इस बैच के सारे अफसर क्रीम पोस्ट पर हैं। इस बैच के अफसरों में ऐसी जुगलबंदी है कि एक दूसरे के लिए रास्ता बनाते ही रहते हैं। इस बैच के ओपी चौधरी मंत्री बन चुके हैं। बाकी पांच भी परोक्ष या अपरोक्ष रुप से सीएम से जुड़े हुए हैं। मुकेश बंसल सिकरेट्री टू सीएम हैं।
रजत कुमार उद्योग के साथ जीएडी सिकरेट्री। जीएडी सीएम के पास है, यानी वे भी सीएम से कनेक्टेड हुए। एस प्रकाश ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के साथ ट्रांसपोर्ट सिकरेट्री। आर शंगीता अब आबकारी विभाग की सर्वे सर्वा हो गई हैं। जल संसाधन विभाग अब सीएम के पास आ गया है जिससे इसके सचिव 2005 बैच के राजेश टोप्पो हैं।
यानी राजेश भी अब सीएम के विभाग वाले हो गए। इस तरह इस बैच के अफसर सीधे सीएम से कनेक्टेड रहेंगे। एक तो अधिकारिक तौर पर सीएम के सिकरेट्री हैं ही और दो विभागीय सचिव के नाते उनसे जुड़ गए हैं। छत्तीसगढ़ में यह बैच हमेशा पॉवरफुल रहा है। रमन सरकार में भी इस बैच को खूब अहमियत मिली। भूपेश सरकार में जरुर उन्नीस बीस हो गया लेकिन अब फिर जलवे हो गए हैं।
सरगुजा के मंत्री की कुर्सी पर खतरा
सीएम विष्णुदेव साय ने अपना मंत्रिमंडल फुल कर लिया है। जाति साधी तो क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ गया। राजनीतिक गलियारों में एक बड़ा सवाल सीएम के इस समीकरण पर उठ खड़ा हुआ है। क्या यह चुनाव तक का या चुनाव जिताने वाला मंत्रिमंडल है। सूत्र बताते हैं कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में खास रणनीति अपनाई गई है। यही रणनीति मंत्रियों को टेंशन में डाल रही है।
अंबिकापुर से राजेश अग्रवाल को मंत्रिमंडल में शामिल करने से सरगुजा के मंत्रियों का ब्लडप्रेशर बढ़ गया है। सरगुजा से इस समय रामविचार नेताम, श्यामबिहारी जायसवाल, लक्ष्मी राजवाड़े और अब राजेश अग्रवाल मंत्री हैं।
जाहिर है, बस्तर और सरगुजा में ऐसा असंतुलन है कि लगभग सभी मानकर चल रहे हैं कि आगे चलकर सरगुजा से दो-एक मंत्रियों का विकेट गिरेगा। सरगुजा से बीजेपी को अगर 14 में 14 सीटें मिलीं तो बस्तर की 12 में से आठ सीटें आईं।
सरगुजा को अगर 14 में पांच का प्रतिनिधित्व मिल रहा तो बस्तर को आठ में ढाई का तो मिलना ही चाहिए। ऐसे में, विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में निश्चित तौर पर बस्तर को एक मंत्री मिलेगा ही। यही कारण है कि सरगुजा के मंत्री घबराए हुए घूम रहे हैं।
द सूत्र सिंहासन छत्तीसी | सिंहासन छत्तीसी कॉलम | cg news latest today | CG News | cg news today | cg news update
thesootrlinks
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩👦👨👩👧👧