Wood Smuggling In Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ से इस वक्त बड़ी खबर सामने आई है। बिलासपुर जिले से लकड़ियों की बड़े पैमाने पर तस्करी का मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने छापेमार कार्रवाई कर इसका खुलासा किया है। छापेमारी की इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में सागौन, साल का चिरान और फर्नीचर बरामद किया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, लकिड़यों की कीमत 12 लाख रुपए है। बता दें कि पुलिस द्वारा अवैध कारोबार के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
मामले में एसडीओपी नूपुर उपाध्याय ने बताया कि एसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ ऑपरेशन प्रहार चलाया जा रहा है। इसी दौरान गुरुवार को जानकारी मिली कि ग्राम लमकेना में फर्नीचर का काम करने वाले दो लोगों के घर में बड़ी मात्रा में सागौन और साल की लकड़ी को अवैध रूप से रखा गया है। खबर मिलते ही पुलिस ने छापेमारी की। इस दौरान संजय खांडे और सुरेश खांडे के घर की तलाशी ली।
सागौन, साल की लकड़ियां बरामद
इस कार्रवाई के दौरान सुरेश खांडे के घर से सागौन, साल के 107 पल्ला, पटिया, सिलपट के साथ ही तीन सोफा, टी-टेबल बरामद किया गया। जब्त लकड़ी की कीमत करीब 7 लाख रुपए बताई जा रही है। इसी तरह आरोपी संजय खांडे के घर से सागौन, साल और बीजा 166 पल्ला, पटिया, खुरा, सिलपट एवम अन्य सामान जब्त किया गया। जिसकी कीमत करीब पांच लाख रुपए बताई जा रही है। पुलिस ने जब्त इमारती लकड़ियों को वन विभाग को सौंप दिया है।
जंगल में लकड़ियों की हो रही अवैध कटाई
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद कोटा क्षेत्र के वन विभाग के अफसरों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। बता दें कि कोटा क्षेत्र के जंगलों में सागौन, साल और बीजा जैसी इमारती पेड़ है, जिसकी निगरानी की जिम्मेदारी वन विभाग के अफसरों पर हैं। लेकिन, क्षेत्र के जंगलों में बड़े पैमाने पर इमारती लकड़ियों की अवैध कटाई चल रही है। इसके बाद भी विभाग के अफसर तस्करों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते।
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