Swine Flu in CG : छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू ने कहर मचाया है। बिलासपुर में एक और मौत हो गई है। बता दें कि जिले में अब तक 150 से अधिक केस एक्टिव पाए गए है। शनिवार को स्वाइन फ्लू से पीड़ित सरकंडा निवासी 60 वर्षीय महिला की सिम्स अस्पताल में मौत हो गई। महिला को पिछले एक हफ्ते से शरीर में दर्द और बुखार की शिकायत थी।
जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया था, जांच के बाद महिला में स्वाइन फ्लू एक्टिव पाया गया। इसके बाद से महिला को अस्पताल में ही इलाज के लिए भर्ती रखा गया, लेकिन महिला की तबियत इसके बाद भी ठीक नहीं हुई। जिसके बाद महिला की मृत्यु हो गई।
स्वाइन फ्लू के 159 मामले आए सामने
बता दें कि बिलासपुर में अब तक स्वाइन फ्लू से 9 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, पांच नए मामले सामने आए है, सभी नए मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिले में अब कुल 159 स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ चुके हैं। प्रभावती नामक महिला को जब सिम्स में भर्ती कराया गया था, तब वह लगातार डॉक्टरों की निगरानी में थी। शुरुआत में उसे स्वाइन फ्लू वार्ड में रखा गया और दिन-रात उसकी स्थिति की निगरानी की जा रही थी।
6 अगस्त की रात उसकी तबीयत अचानक और बिगड़ गई, जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने सघन इलाज शुरू किया, परंतु उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और आखिरकार उसकी मौत हो गई। जिले में स्वाइन फ्लू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। रोजाना नए मरीज सामने आ रहे हैं, और अब तक 159 लोगों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है।
कैसे फैलता है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ़्लू यानी इन्फ़्लुएंज़ा वायरस, मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति या सूअर के खांसने या छींकने से फैलता है।
जब कोई संक्रमित व्यक्ति या सूअर खांसता या छींकता है, तो वायरस युक्त बूंदें हवा में फैलती हैं।
ये बूंदें अगर किसी व्यक्ति के मुंह या नाक में चली जाती हैं, तो संक्रमण हो सकता है।
संक्रमित व्यक्ति की लार या नाक का श्लेष्मा हाथ से हाथ में फैल सकता है।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाली चीज़ों को छूने के बाद अगर कोई व्यक्ति अपने मुंह या नाक को छूता है, तो भी वह संक्रमित हो सकता है।
खांसी या छींकने से प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों को संक्रमण का ज़्यादा खतरा होता है।
स्वाइन फ्लू से बचने के उपाय
स्वाइन फ़्लू से बचने के लिए, ये उपाय अपनाए जा सकते हैं।
हर साल फ़्लू का टीका लगवाएं. यह स्वाइन फ़्लू से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को टिश्यू से ढकें. अगर टिश्यू न हो, तो कोहनी से ढकें।
अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। खासकर कुछ खाने से पहले, बाद में, और जब भी आपको लगे कि किसी चीज़ को छूने से फ़्लू का वायरस हो सकता है।
बीमार लोगों से दूरी बनाएं. अगर आपको फ़्लू है, तो घर पर रहें।
कप, स्ट्रॉ, और बर्तन जैसी चीज़ों को शेयर न करें।
अपने शरीर के जिन सतहों को आप छूते हैं, उन्हें साफ़ रखें।
रोज़ाना आंवला खाएं. इसमें विटामिन-सी होता है, जो इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता है।
एलोवेरा जैल को पानी के साथ मिलाकर लगाने से स्वाइन फ़्लू के असर को कम करने में मदद मिल सकती है।
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