रायपुर. छत्तीसगढ़ कोल लेवी घोटाला ( Chhattisgarh coal levy scam ) में अब कोयला कारोबारी ACB - EOW की जांच की जद में आ गए है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जांच एजेंसी ACB - EOW ने 50 से ज्यादा कोयला कारोबारियों की एक लिस्ट तैयार की है। इन्हें एक-एक कर पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अब तक 15 से अधिक कोयला कारोबारियों ने नोटिस मिलने के बाद अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। इनमें से ज्यादातर कोल लिफ्टर और डिलीवरी ऑर्डर से जुड़े कारोबारी शामिल हैं।
इन कोल माइंस से जुड़े तार
बताया जा रहा है कि जिन कारोबारियों की सूची तैयार की गई है उनमें रायपुर, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, बिलासपुर समेत कई जिलों के कोयला कारोबारियों के नाम शामिल हैं। इन कारोबारियों के तार कई बड़े कोल माइंस से जुड़े हुए हैं। ACB - EOW ने कुसमुंडा कोल माइंस, दीपका कोल माइंस, गेवरा कोल माइंस, गायत्री कोल माइंस, आमगांव कोल माइंस समेत अलग-अलग माइनिंग से जुड़े कारोबारियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है। इनसे डिलीवरी ऑर्डर और कोल लिफ्टिंग से जुड़े मामलों पर पूछताछ की जाएगी।
कांग्रेस सरकार में चल रही थी वसूली
ACB - EOW की जांच में सामने आया है कि कांग्रेस सरकार में 25 प्रति टन कोल ट्रांसपोर्ट के लेवी वसूली पर भी चल रही थी। प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिवेदन पर ईओडब्लू ने 40 से अधिक लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है। ACB की FIR के मुताबिक रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, सूरजपुर समेत कोयले से जुड़े प्रभावशाली क्षेत्रों में 25 रुपए प्रति टन कोयला ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली की जा रही थी।