टीएस सिंहदेव को निपटाने भूपेश बघेल ने 8 लाख लोगों को नहीं दिया घर

पंचायत एवं गामीण विकास मत्री रहते हुए सिंहदेव ने भूपेश बघेल को पत्र लिखा था कि र्तमान सरकार के कार्यकाल में PM आवास का एक भी घर नहीं बना। इस योजना का लाभ प्रदेश के आवास विहीन लोगों को नहीं मिल पाने की वजह बताते हुए सिंहदेव ने मंत्री पद छोड़ दिया था।

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Arun tiwari
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रायपुर. पीएम आवास को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत खूब गरमा रही है। इसी गर्माहट के बीच पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की एक चिट्ठी सामने आई है। यह चिट्ठी दो साल पुरानी है।

यह पत्र पंचायत एवं गामीण विकास मत्री के नाते सिंहदेव ने तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल को लिखा था। इस पत्र में टीएस ने लिखा था कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पीएम आवास का एक भी घर नहीं बनाया गया है। मुझे दुख है कि इस योजना का लाभ प्रदेश के आवास विहीन लोगों को नहीं मिल सका।

इस चिट्ठी में ही टीएस ने मंत्रीपद छोड़ने की पेशकश कर दी थी। यह पत्र इसलिए मौजूं है क्योंकि दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए 8 लाख पीएम आवास मंजूर किए हैं। सीएम ने कहा कि भूपेश सरकार ने प्रदेश के हिस्से का फंड जमा नहीं किया था इसीलिए ये आवास दूसरे राज्यों को दे दिए गए थे। 

प्रदेश को मिले 8 लाख पीएम आवास 

पीएम आवास पर गरमा रही सियासत में सबसे पहले आपको बताते हैं कि ये आग उठी कहां से है। दरअसल दो दिन पहले केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए 8 लाख 46 हजार 931 प्रधानमंत्री आवासों की मंजूरी दी।

सीएम ने इसके लिए केंद्र का आभार माना, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला कर दिया। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि पिछले 5 सालों में छत्तीसगढ़ के 18 लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को पीएम आवास नहीं मिल पाया, क्योंकि तत्कालीन सरकार ने इस योजना के लिए जरूरी राज्यांश का 40 फीसदी हिस्सा जमा ही नहीं किया। भूपेश बघेल को पीएम आवास योजन के पीएम शब्द से दिक्कत थी और इसीलिए उन्होंने गरीब लोगों का हक छीन लिया। 

टीएस सिंहदेव की चिट्ठी ने खोली पोल 

भूपेश बघेल हमेशा इस बात को नकारते रहे कि उन्होंने पीएम आवास के लिए केंद्र को राशि नहीं दी। उन्होंने इसे बीजेपी का झूठ बताया। लेकिन भूपेश बघेल सरकार में डिप्टी सीएम और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रहे टीएस सिंहदेव ने इसकी सच्चाई उजागर कर दी।

सिंहदेव ने 16 जुलाई 2020 को तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल को एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी का मजमून कुछ इस तरह था। पीएम आवास के तहत आवास विहीन लोगों को घर दिए जाने थे, जिसके बारे में मैने आपसे कई बार चर्चा कर राशि आवंटन का अनुरोध किया था। लेकिन इस योजना की राशि उपलब्ध नहीं की गई।

इससे प्रदेश में 8 लाख घर नहीं बनाए जा सके। प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बेघर लोगों के लिए एक भी आवास नहीं बनाया जा सका। और योजना की प्रगति निरंक रही। मुझे दुख है कि इस योजना का लाभ प्रदेश के आवास विहीन लोगों को नहीं मिल सका।

टीएस ने आगे लिखा कि मैं पंचायत एवं ग्रामीण विकास के भार से मैं अपने आपको अलग कर रहा हूं। इसके बाद उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छोड़ दिया। 

कांग्रेस बोली हमने बनाए घर 

इस मामले में कांग्रेस ने अपनी सफाई दी है। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ने कहा कि भूपेश सरकार ने लाखों की संख्या में आवास बनाए हैं। बीजेपी सिर्फ झूठ बोलकर इस तरह का प्रोपेगंडा फैला रही है। कांग्रेस सरकार में हर साल ढाई लाख पीएम आवास बनाए गए हैं। इन बने बनाए आवासों से बीजेपी कैसे इनकार कर सकती है। कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव की चिट्ठी पर कोई जवाब नहीं दिया। 

भूपेश माफी मांगें : बीजेपी

बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि इसके लिए भूपेश बघेल को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने आठ लाख लोगों के घर का हक छीना है।

द सूत्र से संजय श्रीवास्तव ने कहा कि टीएस सिंहदेव की चिट्ठी ने ही भूपेश बघेल सरकार की पोल खोल दी है। भूपेश सरकार में सिर्फ घोटाले हुए हैं गरीबों की योजनाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

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