RAIPUR. छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में प्रतिनियुक्ति पर सचिव बनाए गए प्रोफेसर वीके गोयल (Professor VK Goyal) को कुर्सी की ऐसी लालसा है कि इस पद के लिए नियुक्त होकर आई आईएएस अफसर अपना चार्ज नहीं ले पा रही हैं। वीके गोयल रिटायरमेंट की उम्र पार करने के बाद भी कुर्सी नहीं छोड़ रहे हैं। उनकी ऐसी धमक है कि नियुक्ति की 15 दिन बीत जाने के बाद भी आईएएस पुष्पा साहू (IAS Pushpa Sahu) माशिमं की नई सचिव का पदभार नहीं ले पा रही हैं।
दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद सचिव की कुर्सी पर अनेक आईएएस, आईएफएस अफसरों की नियुक्ति हुई। आखिरी पोस्टिंग आईएफएफ अनिल राय की हुई थी। इसके बाद इसके बाद 2016 में बीजेपी सरकार ने कॉलेज के प्रोफेसर वीके गोयल को प्रतिनियुक्ति पर सचिव बनाया था। इसके बाद से प्रोफेसर गोयल ने यह कुर्सी ऐसे पकड़ी की मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह बदल गए, भूपेश बघेल सीएम बनकर हट भी गए लेकिन गोयल को कुर्सी को कोई हिला नहीं पाया।
बीत गया पखवाड़ा लेकिन नई सचिव को नहीं मिला चार्ज
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की नई सरकार बनने के बाद सीएम विष्णुदेव साय ने इस पोस्ट को फिर से आईएएस को दे दी और प्रोफेसर को हटा दिया गया। जीएडी के आदेश के अनुसार 2012 बैच की आईएएस पुष्पा साहू को माशिमं का नया सचिव बनाया गया। नई सचिव की नियुक्ति को पखवाड़ा भर से ज्यादा समय बीत जाने बाद भी उन्हें चार्ज नहीं मिला है। दरअसल प्रोफेसर गोयल का ऐसा दबदबा है कि गोयल नहीं रहेंगे तो परीक्षा नहीं हो पाएगी। ऐसे में, सवाल उठता है सिस्टम एक प्रोफेसर पर कैसे निर्भर हो गया है।
रिटायरमेंट की उम्र पार फिर भी कुर्सी पर जमे रहे गोयल
सिस्टम से संरक्षण प्राप्त प्रोफेसर गोयल रिटायरमेंट की उम्र पार कर चुकें हैं, लेकिन इसके बाद भी वे इस पद पर कायम हैं। दरअसल, राज्य सरकार में रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है। किसी दूसरी सर्विस से भी अगर कोई प्रतिनियुक्ति पर आया है तो उस पर 62 रिटायरमेंट एज ही लागू होगा। कॉलेजों के प्रोफेसरों की रिटायरमेंट आयु 65 है। इस नियम से गोयल को पिछले साल रिटायर हो जाना चाहिए था।
दरअसल, माशिमं के तत्कालीन चेयरमैन आलोक शुक्ला ने एक नोटशीट चलाई, जिसमें लिखा था कि कॉलेजों की तरह गोयल को माशिमं में लाभ देते हुए उन्हें 62 साल में रिटायर न किया जाए। यह नोटशीट कांग्रेस सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के पास गई। इसके बाद मंत्री पटेल से चर्चा में विधिक अधिकारियों ने सुझाव दिया कि रिटायरमेंट नियम को नहीं बदला जा सकता। कुल मिलाकर रिटायमेंट की उम्र में छूट देने का मामला जम नहीं पाया। इसके बाद भी गोयल कुर्सी पर जमे रहे।