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दक्षिण-पूर्वी गंगीय पश्चिम बंगाल और उससे सटे बांग्लादेश पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से उत्तर छत्तीसगढ़ में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी तीन दिनों तक सरगुजा और बिलासपुर संभाग के जिलों में बारिश केंद्रित रहेगी, जिसके कारण जनजीवन प्रभावित हो सकता है। वहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। चेतावनी दी गई है कि कुछ क्षेत्रों में अंधड़ और वज्रपात भी हो सकते हैं।
मौसम का सिनोप्टिक सिस्टम
दक्षिण-पश्चिम बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्र पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इससे जुड़ा ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किमी ऊंचाई तक फैला हुआ है, जो आने वाले 24 घंटे में और प्रबल होकर बारिश की तीव्रता बढ़ा सकता है।
सरगुजा संभाग के कई जिलों में मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई है। सर्वाधिक अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस दुर्ग में तो सबसे कम न्यूनतम तापमान 22.0 डिग्री राजनांदगांव में रिकॉर्ड किया गया। वर्षा के आंकड़ों में प्रतापपुर (9 सेमी), वांड्रफनगर (7 सेमी), बलरामपुर और रामानुजगंज (5-5 सेमी) प्रमुख रहे।
भारी बारिश की चेतावनी - उत्तर छत्तीसगढ़ में 15 से 18 जुलाई तक भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। सरगुजा-बिलासपुर ज्यादा प्रभावित - इन संभागों में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है। वज्रपात और अंधड़ का खतरा- कुछ इलाकों में तेज अंधड़ और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। तापमान और वर्षा का आंकड़ा- दुर्ग में 33.6°C अधिकतम और राजनांदगांव में 22.0°C न्यूनतम तापमान रहा। मानसून बना सक्रिय- मानसून की द्रोणिका बंगाल-बांग्लादेश तक फैली, जिससे बारिश जारी रहेगी। |
अगले 3 दिन का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 15 से 18 जुलाई तक सरगुजा और बिलासपुर संभाग के जिलों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। रायपुर में 15 जुलाई को बादल छाए रहेंगे और एक-दो बार वर्षा हो सकती है।
चेतावनी और सुझाव
राज्य के एक-दो स्थानों पर तेज अंधड़, वज्रपात और अत्यधिक वर्षा की संभावना को देखते हुए सतर्कता बरतने की अपील की गई है। निचले इलाकों में जलभराव और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गिरने की घटनाओं की आशंका बनी हुई है।
मानसून की दिशा और स्थिति
मानसून की द्रोणिका अभी बीकानेर से होकर दक्षिण-पूर्व गंगीय पश्चिम बंगाल और उससे सटे बांग्लादेश तक विस्तारित है। इसके असर से आने वाले कुछ दिनों तक वर्षा की गतिविधियां जारी रहेंगी।
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