डिप्टी सीएम के घर के बाहर महिला ने पिया फिनाइल, मेकाहारा में भर्ती

“दो तो रे...थैला कहां है” और इसके बाद महिला ने डिप्टी सीएम विजय शर्मा के घर के बाहर एक थैले से फिनाइल की बोतल निकालकर महिला ने ऊपर से पीने की कोशिश की।

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Kanak Durga Jha
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woman drank phenyl outside Deputy CMs house admitted Mekahara
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रायपुर में अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही महिला ने डिप्टी सीएम विजय शर्मा के घर के बाहर फिनाइल पी लिया। महिला को मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दरअसल, रायपुर में दिवंगत पंचायत शिक्षाकर्मी अनुकंपा संघ पिछले 2 दिनों से प्रोटेस्ट कर रहा है। शुक्रवार को महिलाएं अपने बच्चों के साथ डिप्टी सीएम और पंचायत मंत्री विजय शर्मा के घर के बाहर प्रदर्शन के लिए पहुंचीं थी।

इस दौरान मंत्री के न होने पर वहीं धरने पर बैठ गई। घटना दोपहर 2 बजे की है। महिला का नाम अश्वनी सोनवानी है, जो जांजगीर-चांपा जिले की रहने वाली हैं। वे जिला यूनियन की अध्यक्ष भी हैं। भास्कर के पास जो वीडियो है, उसमें दिख रहा है कि जब महिला पुलिसकर्मी प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को उठाने पहुंचीं, तो एक महिला ने कहा कि जबरदस्ती करोगे, तो फिनाइल पी लेंगे।

आवाज आई, “दो तो रे...थैला कहां है” और इसके बाद एक थैले से फिनाइल की बोतल निकालकर महिला ने ऊपर से पीने की कोशिश की। लेकिन महिला पुलिसकर्मियों ने इसके बाद उन्हें जबरदस्ती हटाया। वहीं कांग्रेस ने कहा कि सरकार की असंवेदनशीलता के कारण महिला ने यह कदम उठाया है।


चुनाव में वादा करके भूल गई सरकार

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भाजपा सरकार ने वादा करके भी अब तक मांगें पूरी नहीं की है। अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर कांग्रेस सरकार के वक्त से आंदोलन चल रहा है। दिवंगत पंचायत शिक्षाकर्मी संघ की महिलाएं और परिजन 307 दिनों से धरने पर हैं।

इनका कहना है कि कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया था। तब भाजपा नेताओं ने उन्हें पूरा समर्थन दिया था। प्रदर्शनकारियों में वे लोग शामिल हैं, जिनके परिजन संविलियन (समायोजन) से पहले ही दिवंगत हो गए थे। नियमों में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान होने के बावजूद इन्हें अब तक नौकरी नहीं दी गई है।

पुरानी सरकारों पर भी सवाल

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह आंदोलन भाजपा के पूर्व शासनकाल में भी शुरू हुआ था। उस समय भी आश्वासन दिया गया, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला। कांग्रेस शासन में भी हालात नहीं बदले। तब महिलाओं ने सामूहिक मुंडन कराकर और अर्थी सजाकर विरोध जताया था।

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