Jaipur. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से सुलह की कोशिशों के लिए दिल्ली में हुई बैठक पर पहली बार खुलकर अपना पक्ष रखा है। एक वेबसाइट काे दिए इंटरव्यू में गहलाेत ने कहा- 'पायलट से सुलह परमानेंट है, मीडिया वाले ही उसे हवा दे देते हैं। कांग्रेस नेताओं ने सभी को प्यार- मोहब्बत से समझा दिया है। सीएम ने मानेसर मामले को लेकर कहा कि मैंने सबको माफ कर दिया। सीएम ने बताया कि वे पायलट को ढाई साल की उम्र से जानते हैं। हालांकि पूरे इंटरव्यू के दाैरान वे सचिन पायलट का नाम लेने से बचते रहे।
RPSC कमेटी संवैधानिक, भंग नहीं कर सकते
पायलट की मांग पर अशोक गहलोत बोले कि आरपीएससी कमेटी संवैधानिक है उसे भंग नहीं कर सकते। उनकी मांग के बाद हमने पता किया था, लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। यह संवैधानिक मामला है। उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस काे लेकर मीडिया ही खबरें बनाता रहता है। आंतरिक कलह जैसा कुछ भी नहीं है।
25 सितंबर की घटना का दुख
गहलोत ने 25 सितंबर 2022 को समानांतर बैठक करने के मामले में कहा कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से दिया गया प्रस्ताव पारित नहीं होना, मेरे लिए कल्पना से बाहर की बात थी। मैंने कहा भी था कि दो लाइन का प्रस्ताव पास होना है। हम सारा फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ते हैं। जब हम जयपुर पहुंचे तो मालूम पड़ा कि धारीवाल जी के घर विधायक इकट्ठा हैं। परसेप्शन बना कि मैं यह क्यों करवा रहा हूं, जबकि हमें मालूम नहीं था। मैं कहना चाहता हूं कि राजस्थान की कांग्रेस हमेशा हाईकमान के साथ रही है। मैं उस परिवार के लिए कुछ भी कर सकता हूं। कैसी भी स्थिति भी आ जाए, इस परिवार के लिए तो मैं कुछ भी करने को तैयार हूं।