BHOPAL. सूबे की सरकार में शामिल होने के लिए बेकरार विधायकों का इंतजार आज यानी गुरुवार को समाप्त हो सकता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव आज दिल्ली जा रहे हैं। अंदरखाने की माने तो वहां पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। इस दौरान मंत्री मंडल में शामिल होने वाले नामों पर विचार विमर्श किया जाना है। बताया गया है कि मंत्री मंडल के गठन को लेकर काफी हद तक विचार विमर्श हो चुका है। अब इस संबंध में अंतिम दौर की बैठकों का दौर चल रहा है।
ज्ञात हो कि 13 तारीख को शपथ कार्यक्रम के बाद ही मंत्री मंडल के गठन की कवायद चल रही है, लेकिन यह अंतिम रूप नहीं ले सकी है। आंदरखाने की मानें तो मंत्री मंडल में नए चेहरों को जगह देने के लिए सबसे ज्यादा कवायद चल रही है। इसमें यह तय किया जाना महत्वपूर्ण है कि मंत्री मंडल में नए चेहरों के साथ ही पुराने वरिष्ठ और दिग्गज नामों का अनुपात क्या रखा जाए।
MP में दिख सकता है गुजरात का फॉर्मुला
सितंबर 2021 में भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में बड़ा प्रयोग किया था। यहां विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री बनाए गए। इससे पहले विजय रूपाणी के चेहरे पर ही 2017 का गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ा गया था। इसमें बीजेपी ने 115 सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी। इससे यह साफ था कि रूपाणी की लोकप्रियता भी कम नहीं हुई। बावजूद इसके नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने सीएम बदल दिया। इसके अलावा प्रयोग के तौर पर भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में 24 नए विधायकों को मंत्री बनाया गया। पूरी टीम ही बदल दी गई। मंत्रियों का फैसला भी दिल्ली में हुआ। रूपाणी मंत्रिमंडल के 22 मंत्रियों को भूपेंद्र पटेल की सरकार में जगह नहीं मिली।
सीनियॉरिटी का असर होगा कम
बीजेपी नेतृत्व के इस फैसले का सबसे बड़ा असर यह हुआ कि भूपेंद्र पटेल ने फ्री हैंड सरकार चलाई। उन्हें गवर्नेंस के लिए किसी के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी ऐसे ही समीकरण बन रहे हैं। यहां नए चेहरों को सीएम बनाया गया है। मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव, राजस्थान में भजनलाल शर्मा और छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के चेहरे भी दिल्ली से तय किए गए। मंत्रिमंडल में सिर्फ दो डिप्टी सीएम ही रखे गए। मंत्री कौन बनेंगे, यह फैसला आलाकमान ही तय करेगा। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। मंत्रिमंडल में विवाद नहीं हो और नए मुख्यमंत्री हाईकमान के सपनों को पूरा करे, ऐसा तभी संभव हो जब पुराने दबंग चेहरे सत्ता से दूर रहें।