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BHOPAL. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भोपाल के केरवा और कलियासोत डेम के आसपास हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण के मामले में सरकार की अनदेखी पर सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई की है। ट्रिब्यूनल ने सरकार के रुख पर नाराजगी भी जाहिर की। एनजीटी ने अपने पिछले आदेशों का पालन नहीं होने पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को तलब किया था। ट्रिब्यूनल के सामने सीएस कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जिससे नाराज होकर ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार पर 5 लाख रुपयों की पेनाल्टी लगाई है।
आवश्यक कार्रवाई का किया था सवाल
दरअसल एनजीटी ने सीएस इकबाल सिंह बैस से पूछा कि डेढ़ साल पहले हमने आपको अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस आदेश का पालन हो सके इसके लिए अभी तक आपकी ओर से क्या-क्या कदम उठाए गए हैं? इस सवाल का बैस कोई सटीक जवाब नहीं दे पाए थे।
राज्य का भगवान ही मालिक- एनजीटी
बैस के जवाब से असंतुष्ट एनजीटी ने तल्ख लहजे में कहा कि ऐसे राज्य का भगवान ही मालिक है, जिसका मुख्य सचिव फाइल देखे और पढ़े बिना ही अदालत में शासन का पक्ष रखने चला आए। ट्रिब्यूनल ने पूछा कि आपके मातहतों ने भी आपको इस बारे में कोई ब्रीफिंग नहीं दी? एनजीटी ने राज्य सरकार की ओर से केरवा-कलियासोत बफर में अतिक्रमण को लेकर पेश की गई रिपोर्ट पर डेट और साइन न होने पर भी लताड़ लगाई।
मप्र शासन का पूरा सिस्टम ही अक्षम
जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस अफरोज अहमद की जूरी ने हियरिंग के दौरान कहा कि हमें उम्मीद थी कि सीएस को बुलाएंगे तो इस केस को शासन गंभीरता से लेगा। सीएस ने इसी बीच कहा कि वे मानसिक रूप से सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए अगली तारीख दी जाए। जिस पर ट्रिब्यूनल ने कहा कि हमें लगता है कि एमपी शासन का पूरा सिस्टम ही अक्षम है, यही हाल आपके सरकारी वकीलों का भी है। जो सुनवाई के दौरान ठीक से पैरवी करने के बजाए सिर्फ तारीख बढ़ाने के लिए वक्त मांगते रहते हैं।
सख्त एक्शन नहीं हुआ, इसलिए हियरिंग में गंभीर नहीं आप
ट्रिब्यूनल ने कहा कि जब किसी हत्यारे को बिना दंड दिए खुला छोड़ दिया जाता है, तो वह बार-बार ऐसी वारदात करता है। आपका रवैया ठीक वैसा ही है, कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई, इस वजह से आप सुुनवाई में पार्टिसिपेशन नहीं कर रहे हैं, नही आप अपडेट हैं। आपकी लापरवाही से अतिक्रमणकारी बेखौफ होकर केरवा और कलियासोत की रोजाना हत्या कर रहे हैं।