इंदौर में केंद्रीय सूचना आयुक्त बोले- ओटीटी पर आ रही फूहड़ता रेप का मुख्य कारण, इन कंटेंट को रोकना जरूरी

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BP Shrivastava
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इंदौर में केंद्रीय सूचना आयुक्त बोले- ओटीटी पर आ रही फूहड़ता रेप का मुख्य कारण, इन कंटेंट को रोकना जरूरी

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में शनिवार (3 जून) शाम को ओटीटी, सोशल मीडिया और फिल्मों में परोसी जा रही फूहड़ता को लेकर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम शहर के प्रीतमलाल दुआ सभागार में इंदौर प्रेस क्लब, इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल और पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के द्वारा अयोजित किया गया। मुख्य वक्ता सेव कल्चर सेव नेशन के मुख्य संरक्षक एवं भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहूरकर रहे। इसमें माहूरकर ने कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेट फॉर्म रेप का मुख्य कारण है। इस पर जो कंटेंट परोसे जा रहे हैं उसे रोकना जारूरी है।  इसके लिए सरकार को कानून का गठन करने के लिए सुझाव भी दिए गए हैं। इसमें एथिक्स कोड लॉ के रूप में होना चाहिए। इसके बाद भी कोई डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, एक्टर, एक्ट्रेस और फोटो ग्राफर अगर नियम का उलंघन करता है तो उसके खिलाफ बलात्कार को उकसाने का केस दर्ज होना चाहिए। सभी ऑडियो-विजुअल प्लेटफॉर्म के लिए जॉइंट रेगुलेटरी अथॉरिटी बने। इसमें जितना कंटेंट हैं उसे आईटी एक्ट में सुधार करके एक ग्रुप में डाल दिया जाए। ग्रुप की एक्सेसविलिटी आधार कार्ड और फिंगर प्रिंट के जरिए की जानी चाहिए। साथ ही जो भी पोर्न साइड देखे उसके पास एक संदेश भेजा जाए की तुमने साइड देखी। इससे लोग डरेंगे।



ऐसे ही कंटेंट रहे तो भारत, अमेरिका की तरह हो जाएगा



महूरकर ने कहा कि इसी तरह से कंटेंट परोसे गए तो भारत की हालत अमेरिका की तरह हो सकती है। ओटीटी और सोशल मीडिया पर बढ़ती अश्लीलता के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत वे राष्ट्रीय, प्रदेश और जिला स्तर पर भी प्रबुद्धजनों को साथ लेकर समितियां बनाने जा रहे हैं। ये समितियां बढ़ती अश्लीलता के खिलाफ अभियान चलाएंगी।



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पूर्व स्पीकर महाजन बोलीं- खोला था गलत पोस्टर के खिलाफ मोर्चा



कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को संबोधित कर रहीं पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब हम राजनीति में आए थे तब के दौर में मोबाइल बहुत कम थे। जो फिल्में रिलीज होतीं, उनके पोस्टर चौराहों पर लगते थे। तब शहर की महिलाओं के साथ मिलकर पोस्टर के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था। महिलाओं के साथ लकड़ी लेकर निकलते और पोस्टर को फाड़ने का काम किया था। कई बार झगड़े होते तो कहा जाता कि फिल्म सेंसर बोर्ड से पास है। तब जवाब देते कि दिनभर शहर के बच्चे निकलते हैं और पोस्टर देखते हैं। इससे उनकी मानसिकता पर प्रभाव पड़ता है। केंद्र का सेंसर बोर्ड जो मन में हो वो करे, लेकिन इंदौर में माताओं और यहां की बहनों का सेंसर बोर्ड चलेगा। इसके लिए कानून तो है, काम भी कर रहा है, लेकिन देखना हमें है तो डिसाइड भी हम ही करेंगे कि हमें क्या देखना है।



सामाजिक स्तर पर प्रयास जरूरी



सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि सरकार ओटीटी और अन्य माध्यमों पर बढ़ रही अश्लीलता के खिलाफ कदम उठा रही है। ये काम सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं हो सकता, सामाजिक स्तर पर भी इसके प्रयास होने चाहिए। हमने मालवा उत्सव के जरिए हमारी लोक संस्कृति और परम्पराओं से युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया है।


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