JAIPUR. राजस्थान में सियासत ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में सोमवार (3 जुलाई) को सीएम अशोक गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समय शुरू की गई पालनहार योजना की तारीफ की और साथ ही विरोधियों पर जमकर निशाना भी साधा। गहलोत ने कहा कि मेरी भावना अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करने की है। गहलोत सीएम हाउस पर पालनहार योजना के लाभार्थी बच्चों से संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं किसी पद पर रहूं, नहीं रहूं, कहीं रहूं, प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आपकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा। सीएम गहलोत ने कार्यक्रम में योजना से जुड़े बच्चों के अकाउंट में 150 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए।
गहलोत के बयान को सियासी खींचतान से जोड़ा जा रहा
पालनहार योजना से जुड़े लाभार्थियों के लिए सीएमआर में प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साथ ही प्रदेश के हर जिले में स्थानीय स्तर पर ये कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में गहलोत ने शेर सुनाकर सियासी इरादों को जाहिर करते हुए कहा कि ना पूछो मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है। ना हारुंगा हौसला उम्र भर, यह मैंने किसी और से नहीं, खुद से वादा किया है। गहलोत के इस बयान को कांग्रेस के भीतर चल रही सियासी खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है।
'राजे की योजना को मैंने पकड़ लिया, पर हमारी स्कीम्स को बंद कर देती हैं'
गहलोत ने कहा कि कोई नहीं जानता था कि अनाथ बच्चों का भविष्य क्या होगा, उन बच्चों के लिए पालनहार योजना वसुंधरा राजे ने लागू की, लेकिन उन्होंने कोई पैसा नहीं बढ़ाया, एक बार लागू हो गया। मैंने इसको पकड़ लिया, मैं अच्छे काम पकड़ लेता हूं। हमारी स्कीम्स को वसुंधरा राजे ने सरकार बदलने पर बंद कर देती हैं। जो नहीं करनी चाहिए था। चाहे मेट्रो थी, रिफाइनरी थी, बद्रीनाथ केदारनाथ हादसे में मृतकों के परिजनों को नौकरी का फैसला था, सबको बंद कर दिया। बीजेपी की अप्रोच बहुत गलत है।
हमारी सोच पॉजिटिव है- गहलोत
गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार आती है तो बीजेपी राज की स्कीम्स को बंद नहीं करती, हमारी सोच पॉजिटिव है। यह योजना वसुंधरा राजे की सरकार ने लागू की और हम इसे मजबूत कर रहे हैं। ईआरसीपी की योजना है 13 जिलों की, उसे हम बंद नहीं करके आगे बढ़ा रहे हैं। हमारी सरकार की अप्रोच निगेटिव नहीं पॉजिटिव है।
गहलोत ने किया पैरों में एक साथ चोट का जिक्र
सीएम अशोक गहलोत ने दोनों पैरों में एक साथ चोट लगने का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे दोनों पैरों में एक साथ लग गई। ऐसा कभी होता नहीं है। डॉक्टर कह रहे हैं हमने पहला ऐसा केस देखा है जिसमें दोनों पैरों के अंगूठों में एक साथ फ्रैक्चर हो जाए, ऐसा कभी होता नहीं है। कोई एक्सीडेंट हो जाए या दूसरी घटना हो तो अलग बात है लेकिन सामानय रूप से ऐसा नहीं होता। मैं देखता हूं भगवान ने जानबूझकर किया होगा, दो महीनों से मैं लगातार दौरे कर रहा था, तो कुछ आराम कर लेगा तो ठीक रहेगा। तो यह घटना हो गई, पहले डॉक्टरों ने सलाह दी कि घर के अंदर से ही वीसी से जुड़ जाऊं, लेकिन मेरे दोस्तों ने सलाह दी कि बच्चों का प्रोग्राम है तो आपको आना ही होगा।
गहलोत बोले- घर में लोग भूखे मर रहें हों तो विश्व गुरु की बात बेमानी
गहलोत ने कहा कि मैं पीएम मोदी से लगातार आग्रह कर रहा हूं। पूरे देश में सोशल सिक्योरिटी स्कीम लागू की जाए। गरीब और असहाय लोगों को हर महीने पैसा मिलना चाहिए। कई देशों में बुजुर्गों और असहाय लोगों को हर माह वहां की सरकारें पैसा देती हैं। आप विश्व गुरु बनने की बात कर रहे हैं। विश्व गुरु तब बनेंगे जब पहले घर को ठीक करेंगे। तुम्हारे घर में लोग भूखे मर रहे हैं तो यह नहीं हो सकता। केंद्र सरकार को राइट टू सोशल सिक्योरिटी कानून लेकर आना चाहिए।
सीएम ने बच्ची से कहा- टेंशन हो तो मुझे फोन करना
सीएम हाउस पर पालनहार योजना के लाभार्थियों से बातचीत के दौरान पांचवीं क्लास में पढ़ने वाली हर्षिता को सीएम ने बगल में कुर्सी पर बैठाया। पूछा कि क्या बनना चाहती हो। बच्ची ने कहा कि आईपीएस अफसर बनना चाहती हूं। सीएम ने कहा- मेहनत से पढ़ाई करोगी तो जरूर आईपीएस बनोगी। इस पर बच्ची की मां ने कहा कि यह टेंशन में रहती है। सीएम ने बच्ची की मां से कहा कि आज के बाद यह टेंशन नहीं करेगी। टेंशन हो तो मुझे फोन करना। एसपी तो दूसरों को टेंशन देता है, खुद टेंशन में थोड़े ही रहता है।
छह लाख बच्चों के खातों में 150 करोड़ रु. ट्रांसफर
पालनहार योजना से जुड़े बच्चों के खातों में सीएम अशोक गहलोत ने एक साथ दो महीने का पैसा ट्रांसफर किया। छह लाख बच्चों के खातों में जून और जुलाई महीने का पालनहार योजना के 150 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। पालनहार योजना में अनाथ बच्चों के साथ विधवा महिलाओं के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चे, मौत की सजा पाए कैदियों के बच्चे, एचआईवी पीड़ितों के बच्चे इसके दायरे में आते हैं। कोविड में माता-पिता की मौत से प्रभावित बच्चों को भी पालनहार योजना में शामिल किया है।