BHOPAL. अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट में मंत्री परिषद के दो दिवसीय प्रशिक्षण और ओरिएंटेशन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट से शासन में कुशलता और दक्षता आएगी। यह मंत्री परिषद की नेतृत्व क्षमता को विकसित करने वाला प्रबोधन कार्यक्रम है। मंत्रालयों और विभागों के साथ तालमेल और समन्वय को सीखने का अवसर मिलेगा। इस दौरान जन प्रतिनिधियों और नीति आयोग के विशेषज्ञों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
'मंत्रियों परिषद के सदस्यों का प्रशिक्षण आवश्यक'
सीएम मोहन ने कहा कि राज्य की मंत्री परिषद के निर्णय से प्रदेश की समूची जनता प्रभावित होती है। इसलिए मंत्री परिषद के सदस्यों का समय-समय पर प्रशिक्षण आवश्यक है। प्रशिक्षण से शासन की बारीकियां सीखने का अवसर मिलेगा जिससे प्रशासन में कसावट आएगी और इसका सीधा लाभ कैबिनेट के निर्णयों के माध्यम से प्रदेश की जनता को मिलेगा।
'तालमेल और समन्वय को सीखने का मिलेगा अवसर'
सीएम मोहन ने आगे ने कहा कि प्रशिक्षण से मंत्री परिषद के सदस्यों को भारत सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकार के विभागों के साथ तालमेल और समन्वय को सीखने का अवसर मिलेगा। वरिष्ठ जन-प्रतिनिधि और नीति आयोग के विशेषज्ञों के उद्बोधन से मंत्रि-परिषद का आत्मविश्वास बढ़ेगा। इससे न सिर्फ शासन में बल्कि व्यक्तिगत जीवन को भी अनुशासित और सफल बनाने में मदद मिलेगी।
वर्किंग सिस्टम से तनाव दूर करने की ट्रेनिंग
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान मध्यप्रदेश द्वारा रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधनी संस्थान के साथ जन-प्रतिनिधियों के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम लीडरशिप समिट का आयोजन किया जा रहा है। इस समिट में मोहन सरकार के मंत्रियों की ट्रेनिंग, वर्किंग सिस्टम से तनाव दूर करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। समिट के पहले दिन संस्थान के कार्यकारी संचालक डॉ. जयंत कुलकर्णी ने प्रशिक्षण की रूपरेखा और आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, राष्ट्रीय संगठक व्ही. सतीश, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने शासन में नेतृत्व और कुशलता पर अपने विचार रखें।
अंतिम सत्र में 'आकांक्षाएँ एवं संकल्प भारत सरकार की अहम पहल' विषय पर आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम अंतर्गत नीति आयोग भारत सरकार के आनंद शेखर ने बताया कि नीति आयोग मध्य प्रदेश के साथ मिलकर 4 डिस्टिंक्ट एरिया में कार्य कर रहा है। सतत विकास के लक्ष्य जिसका नीति आयोग कस्टोडियन है उसमें मध्यप्रदेश के साथ मिल कर दिनों दिन प्रगति की जा रही है। साथ ही तनाव प्रबंधन पर डॉ. विक्रांत तोमर का संबोधन हुआ।
रविवार को इन विषयों पर होंगे सत्र
लीडरशिप समिट के दूसरे दिन रविवार 4 फरवरी को सुबह 10 बजे से शाम 7:30 बजे तक विभिन्न सत्रों का आयोजन होगा। इनमें विधायी कार्य-प्रणाली, अवसर एवं चुनौतियाँ, आकांक्षाएँ एवं संकल्प-भारत सरकार की अहम पहल एवं प्रौद्योगिकी एवं सुशासन विषय पर सत्रों का आयोजन होगा। इन सत्रों को विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, श्वेता सिंह, डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, नगरीय आवास एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय संबोधित करेंगे।
बता दें कि लीडरशिप समिट में मंत्रियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम है। इस बताया जाएगा कि मंत्री विभाग में कैसे काम करें, किन बातों का ध्यान रखें, अधिकारियों के साथ समन्वय कैसा हो और व्यवहार कैसा होना चाहिए, इन सभी बातों को लेकर मंत्रियों को सरकार प्रशिक्षित करेगी। इसमें वरिष्ठ मंत्रियों और विशेषज्ञों द्वारा मंत्रियों को बजट समझने, प्राथमिकताओं पर काम करने, कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए टीम भावना के साथ काम करने के संबंध में जानकारी दी जाएगी। दरअसल मोहन कैबिनेट में 17 सदस्य ऐसे हैं, जो पहली बार मंत्री बने हैं। इनमें चार मंत्री तो ऐसे हैं, जो पहली बार विधायक बने हैं। इन्हें प्रशासनिक व्यवस्था में काम करने का अनुभव नहीं है।